Highlights
- पंजाब के मुख्यमंत्री ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार के लिए की मुआवजे की मांग
- केंद्र सरकार से बोले चन्नी- 4 लाख रुपये दिया जाए मुआवजा
- मदद में 1 लाख रुपये पंजाब सरकार देने को तैयार
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये मुआवजा पर्याप्त नहीं है।चन्नी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि उनकी सरकार मुआवजे की राशि में 25 प्रतिशत योगदान देने को तैयार है। चन्नी ने बुधवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने पत्र में कहा कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संकटग्रस्त नागरिकों की सहायता करें।
छत्तीसगढ़ सरकार ने भी की ₹ 4 लाख मुआवजा देने की मांग
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की मांग की है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्तियों के परिवारों को मुआवजा के रूप में पूर्व घोषित चार लाख रुपए की राशि देने के लिए आवश्यक पहल करें।अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में बघेल ने लिखा है कि केन्द्र सरकार गृह मंत्रालय द्वारा 14 मार्च 2020 को जारी अपने पूर्व के आदेश को लागू करे, जिसमें सरकार ने संक्रमण से जान गंवाने वाले के परिजन को चार लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में यह भी अवगत कराया है कि केन्द्र सरकार ने बाद में इस अधिसूचना में संशोधन किया और मुआवजे की राशि को घटाकर 50 हजार रुपए कर दिया।
बघेल ने पत्र में कहा, ''हमें लगता है कि ऐसे संकट के समय में मृतक के परिवार को चार लाख रुपए की राशि प्रदान करना जरूरी है। हमारा ऐसा मानना है कि एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार मुआवजा राशि चार लाख रुपए में से 75 प्रतिशत जो कि तीन लाख होते हैं, केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाना है, जबकि शेष 25 प्रतिशत राज्यों की जिम्मेदारी होगी। हम कुल चार लाख रूपए मुआवजे की राशि में से राज्य के हिस्से की राशि देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें हम आपके सहयोग की अपेक्षा करते हैं जिससे संकट की इस घड़ी में हम अपने नागरिकों के साथ खड़े हो सकें और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में अपना योगदान दे सकें।''