मुंबई: भारत से बांग्लादेश के लिए आज कोरोना वैक्सीन की पहली खेप रवाना होनेवाली है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन की यह खेप मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से ढाका के लिए रवाना होगी। इससे पहले बुधवार को कोरोना वैक्सीन की एक लाख डोज मालदीव और डेढ़ लाख डोज भूटान भेजी गई।
पड़ोसी प्रथम नीति
भारत ने सहायता अनुदान एवं नेबर्स फर्स्ट नीति के तहत पड़ोसी एवं सहयोगी देशों को कोविड-19 के टीके की आपूर्ति बुधवार को शुरू कर दी और इस श्रृंखला में भूटान और मालदीव को टीके की खेप पहुंचाई गई । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्होंने कहा कि भारतीय टीके मालदीव पहुंचे जो हमारी विशेष मित्रता को प्रदर्शित करता है । जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ टीका मैत्री प्रारंभ । भूटान पहुंची इसकी खेप । पड़ोस प्रथम नीति का एक और उदाहरण । ’’ इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत ने पड़ोसी एवं सहयोगी देशों को कोविड-19 के टीके की आपूर्ति शुरू कर दी । पहली खेप भूटान और मालदीव के लिये रवाना हो गई । ’’
6 पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेज रहा है भारत
गौरतलब है कि मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सहायता अनुदान के तहत भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमा, सेशेल्स को कोविड-19 के टीके की आपूर्ति करेगा । समझा जाता है कि सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड टीके की 1,50,000 खुराक भूटान को भेजी गई जबकि 1,00,000 खुराक मालदीव को भेजी गई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था कि भारत वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिये ‘भरोसेमंद’ सहयोगी बनकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा है और बुधवार से टीकों की आपूर्ति शुरू होगी तथा आने वाले दिनों में और काफी कुछ होगा ।
भारत दुनिया के बड़े टीका निर्माताओं में से एक
गौरतलब है कि भारत दुनिया के बड़े टीका निर्माताओं में से एक है और कोरोना वायरस का टीका खरीदने के लिये काफी देशों ने सम्पर्क किया है । समझा जाता है कि पाकिस्तान को इसका फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि अभी तक इस पड़ोसी देश ने भारत से सम्पर्क नहीं किया है । विदेश मंत्रालय ने कहा था कि घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत आगामी हफ्ते, महीने में चरणबद्ध तरीके से सहयोगी देशों को कोविड-19 टीकों की आपूर्ति करेगा । भारत इस संबंध में श्रीलंका, अफगानिस्तान और मारीशस से टीके की आपूर्ति के लिये जरूरी नियामक मंजूरी की पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहा है ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
गौरतलब है कि भारत ने देशभर में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ कर्मियों को दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाने के लिये व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया है । आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का सीरम इंस्टीट्यूट उत्पादन कर रहा है जबकि कोवैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक कर रहा है । विदेश मंत्रालय ने कहा था कि टीके की आपूर्ति से पहले प्रशासनिक एवं परिचालन संबंधी आयामों को शामिल करते हुए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जो प्राप्तकर्ता देशों के टीकाकरण प्रबंधकों, कोल्ड चेन अधिकारियों, संवाद अधिकारियों, डाटा प्रबंधकों के लिये होगा ।
इनपुट-भाषा