नयी दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर बीच मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में काम आने वाली मेडिकल ऑक्सीजन इम्पोर्ट करने का फैसला लिया है। ऑक्सीजन की कमी की शिकायतों और बढ़ती मांग के बीच मोदी सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का इम्पोर्ट (Medical oxygen import) करने का फैसला लिया है, ताकि कई राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत को दूर किया जा सके।
केंद्र ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 50,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जबकि इसके संसाधनों और उत्पादन क्षमता का अत्यधिक मामलों वाले 12 राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिह्नीकरण किया गया है। इसने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके लिए निविदा प्रक्रिया को पूरा करने तथा विदेश मंत्रालय के मिशनों द्वारा चिह्नित आयात के लिए संभावित संसाधन तलाशने का भी निर्देश दिया गया है।
जल्दी जारी होगी अधिसूचना
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह इस संबंध में आदेश जारी कर रहा है और इसे गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। जरूरत वाले इन 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं।
दिल्ली में गुरुवार को हुई Empowered Group-2 (EG2) की बैठक में देश में अनिवार्य मेडिकल उपकरणों और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर चर्चा की गई। बता दें कि, फिलहाल पीएम केयर्स फंड के तहत देश के 100 नए अस्पतालों में उनका अपना ऑक्सीजन प्लांट है। कई राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत होने की खबरों को देखते हुए सरकार ने 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन इम्पोर्ट (आयात) करने का फैसला लिया है।
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