नई दिल्ली। भारत सरकार के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)तथा वैक्सीन कंपनी भारत बायोटेक के सहयोग से बनी पूर्ण रूप से स्वदेशी Covid-19 वैक्सीन Covaxin का उत्पादन दिल्ली के नजदीकी शहर बुलंदशहर में होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। बुलंदशहर के चोला क्षेत्र में बिबकोल नाम की कंपनी Covaxin का उत्पादन करेगी और हर महीने लगभग 2 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन होगा। इसके लिए बिबकोल और भारत बायोटेक के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 30 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है।
बिबकोल यानि भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (BIBCOL) भारत सरकार की ही कंपनी है और अभी तक यह देश में पोलियो वैक्सीन का उत्पादन करती है। लेकिन देश में इस समय कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत समझी जा रही है, ऐसे में BIBCOL को कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए कहा गया है। देश में पोलियो वैक्सीन का जितना उत्पादन होता है उसका लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा BIBCOL ही उत्पादन करती है। यानि इस कंपनी के पास वैक्सीन उत्पादन की बड़ी क्षमता है।
इस बीच खबर ये भी है कि एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को बच्चों (2-18 आयुवर्ग) के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण दिल्ली एवं पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना चिकित्सा विज्ञान संस्थान समेत विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा।
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की।