नई दिल्ली: भारत में अभी कोरोना वायरस संक्रमण की दो वैक्सीन Covaxin और Covishield मौजूद हैं। 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग इनमें से कोई भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। वैक्सीन के चुनाव के लिए वह स्वतंत्र हैं। लेकिन, वैक्सीन लगवाने से पहले हो सकता है कि आपके मन में यह सवाल आ जाए कि क्या वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना बिलकुल नहीं होगा या अगर होगा तो किस वैक्सीन को लगवाने से इसकी संभावना कम होगी।
कौनसी वैक्सीन है ज्यादा बेहतर?
अगर यह सवाल आपके मन में हैं तो इसका जवाब जान लीजिए, जवाब है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना संक्रमण होने का थोड़ा खतरा तो जरूर रह जाता है। बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से एक आंकड़ा सामने रखा है, जिसमें बताया गया है कि कौसनी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद भी लोगों को किस दर से संक्रमण हुआ।
इसमें कोवाक्सिन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) दोनों को लेकर जानकारी दी गई। सरकार की ओर से बताया गया कि 'लगभग 0.04 फीसदी लोग कोवाक्सिन (Covaxin) की दूसरी खुराक लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हुए जबकि कोविशील्ड (Covishield) की दूसरी खुराक लेने के बाद 0.03 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए।'
कोरोना की दूसरी लहर है ज्यादा खतरनाक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया जिसमें दर्शाया गया है कि कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में पीड़ितों की जनसांख्यिकी व गंभीरता पहली लहर के लगभग समान है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 146 जिलों में कोविड-19 की सकारात्मकता दर 15 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गयी है जबकि 274 जिलों में यह दर पांच से 15 प्रतिशत के बीच रही है।
नए आंकड़े देश भर में फैली इस चिंता के बीच जारी किए गए हैं कि दूसरी लहर अधिक नुकसान पहुंचाने वाली है और इसमें अधिक तबाही हो सकती है। भूषण द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में 4.03 फीसदी मामले सामने आए जबकि दूसरी लहर में यह प्रतिशत 2.97 रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पहली लहर में 10-20 साल के आयु वर्ग में कोरोना वायरस के 8.07 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 8.50 प्रतिशत दर्ज की गयी। पहली लहर में 20-30 साल के आयु वर्ग में 20.41 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे जबकि दूसरी लहर में 19.35 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। ”
आंकड़ों के अनुसार, पहली लहर में 30 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में 67.5 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 69.18 प्रतिशत रही।