नागपुर: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच राहत भरी बड़ी खबर है कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। 2 से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों को भारत बायोटेक कंपनी के कोवैक्सीन के टीके लगाए जाएंगे। नागपुर के मिडिट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 130 बच्चों पर ट्रायल टेस्ट किया गया था। ट्रायल टेस्ट में किसी भी बच्चे में कोई एडवर्स रिपोर्ट सामने नहीं आया। सभी बच्चों को . 5ml का डोज दिया गया था। भारत में बच्चों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है। यह बात मेडिट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के सीएमडी डॉ समीर पालतेवार ने कही।
नागपुर की मेडीट्रिना इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस उन इंस्टिट्यूट में शामिल है जहां पर बच्चों की को-वैक्सीन का ट्रायल हुआ था। भारत के चार हॉस्पिटल्स में इस वैक्सीन का ट्रायल हुआ था। इनमें पटना का एम्स ,हैदराबाद का नीलोफर ,दिल्ली का एम्स और नागपुर का मिडीट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस शामिल है। इन अस्पतालों में 2 से 18 आयु वर्ग के 525 बच्चों का क्लिनिकल ट्रायल हुआ था, उनमें से 130 बच्चों का क्लिनिकल ट्रायल नागपुर के मेडीट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में किया गया।
मिडिट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के सीएमडी डॉ समीर पालतेवार ने कहा कि तीसरी लहर कि आशंका के बीच अब यह सुरक्षा कवच के तहत बच्चों के लिए काम करेगा। पालतेवार ने कहा कि तीन ग्रुप में बच्चों को बांटा गया था 2 से 6, 6 से 12, 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को इसमें शामिल किया गया था। पहला डोज देने के बाद नियमित निगरानी की गई और 28 दिन के बाद दूसरा डोज दिया गया। सारी रिपोर्ट भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को भेज दी गई थी। पालतेवार ने कहा कि जल्द ही इस वैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
तीसरी लहर की आशंका के बीच 2 से 18 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन सुरक्षा कवच के रूप में करेगी काम, नागपुर के मिडिट्रिना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 130 बच्चों का किया गया था ट्रायल टेस्ट, 130 बच्चे जिनका ट्रायल टेस्ट नागपुर में हुआ था ,उनमें से किसी का भी एडवर्स रिपोर्ट सामने नहीं आया, सभी बच्चों को . 5ml का डोज बच्चों को दिया गया था, चारों हॉस्पिटल की रिपोर्ट लगभग एक जैसी रही। इसलिए इस वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिली।