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कोर्ट ने चारा घोटाले के दोषियों से कहा, 'आप लोग जेल में रह कर आत्मचिंतन करें'

चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद सहित 16 लोगों को आज दोषी ठहराने वाली यहां की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नसीहत के लहजे में कहा कि दोषियों को जेल में जाकर शांतिपूर्वक आत्मचिंतन करना चाहि

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 23, 2017 23:50 IST
Lalu prasad
Image Source : PTI Lalu prasad

रांची: चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद सहित 16 लोगों को आज दोषी ठहराने वाली यहां की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नसीहत के लहजे में कहा कि दोषियों को जेल में जाकर शांतिपूर्वक आत्मचिंतन करना चाहिए। विशेष सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने अपना फैसला सुनाने के बाद न्यायिक हिरासत के कागजात तैयार किये जाने के दौरान यह टिप्पणी की। 

जज ने कहा, ‘‘आप लोग सामाजिक तौर पर बहुत व्यस्त रहते हैं तो आप लोगों को समय नहीं मिल पाता है। अब आप लोगों को जेल में अकेले रहने और आत्मचिन्तन का अच्छा समय मिलेगा। इस दौरान आप सभी को अपने पिछले कामकाज के बारे में आत्मचिन्तन करना चाहिए।’’ अदालत ने अनेक दोषियों की जेल में दवा की व्यवस्था करने, गरम कपड़ों की व्यवस्था करने और अन्य सुविधाओं के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया और उसके अनुसार जेल प्रशासन को निर्देश जारी किये। 

इस मामले में दोषी ठहराये गए लालू सहित दोषी सभी 16 लोगों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। हालांकि अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। विशेष जज शिवपाल सिंह ने नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में आज यह फैसला सुनाया। 

यह मामला वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से अवैध तरीके से रुपये की निकासी से संबंधित है। सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी, 64 ए, 1996 दर्ज किया था और लगभग 21 वर्षों बाद इस मामले में आज फैसला सुनाया गया। इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी। इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे, जिनको लेकर आज फैसला सुनाया गया। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है। 

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