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हर घर को 20 हजार लीटर प्रति माह मुफ्त पानी बांटने पर आप सरकार को कोर्ट का नोटिस, मांगा जवाब

 याचिका में कहा कि जल तेजी से घटता संसाधन है और इसे इतनी बड़ी मात्रा में मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 13, 2018 17:48 IST
मुख्यमंत्री अरविंद...
Image Source : PTI/FILE मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर आप सरकार का रुख पूछा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में हर घर को 20 हजार लीटर प्रति माह मुफ्त पानी मुहैया कराने की उसकी योजना का विरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी करके उनसे सुनवाई की अगली तारीख 19 नवंबर तक जवाब देने को कहा। 

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि जल तेजी से घटता संसाधन है और इसे इतनी बड़ी मात्रा में मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए, खासकर ऐसे समय जब शहर के कई इलाकों में पानी की पाइपलाइनें नहीं हैं और आपूर्ति टैंकरों पर निर्भर है। अधिवक्ताओं ताजिंदर सिंह और अनुराग चौहान ने दिल्ली सरकार के 25 फरवरी 2015 के उस फैसले को निरस्त करने की मांग की जिसमें शहर में हर घर को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देने का निर्णय किया गया था। 

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला मामले में आरोपपत्र दाखिल 

इस याचिका के अतिरिक्त आप नेताओं के खिलाफ दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में  यहां की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गयी जिन्होंने मामले पर सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की। दिल्ली पुलिस ने प्रकाश पर कथित हमला के सिलसिले में 18 मई को केजरीवाल से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। प्रकाश ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी को एक बैठक के दौरान उनपर हमला किया गया। पुलिस ने कहा कि जिस समय कथित हमला हुआ उस समय मुख्यमंत्री उपस्थित थे। 

पुलिस ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर मौजूद आप के 11 विधायकों से भी पूछताछ की थी। इस मामले के सिलसिले में पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य सचिव पर कथित हमला के कारण दिल्ली सरकार और इसके नौकरशाहों के बीच खींचतान देखने को मिली थी। नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज उस जनहित याचिका पर आप सरकार का रुख पूछा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में हर घर को 20 हजार लीटर प्रति माह मुफ्त पानी मुहैया कराने की उसकी योजना का विरोध किया गया है। 

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी करके उनसे सुनवाई की अगली तारीख 19 नवंबर तक जवाब देने को कहा। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि जल तेजी से घटता संसाधन है और इसे इतनी बड़ी मात्रा में मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए, खासकर ऐसे समय जब शहर के कई इलाकों में पानी की पाइपलाइनें नहीं हैं और आपूर्ति टैंकरों पर निर्भर है। अधिवक्ताओं ताजिंदर सिंह और अनुराग चौहान ने दिल्ली सरकार के 25 फरवरी 2015 के उस फैसले को निरस्त करने की मांग की जिसमें शहर में हर घर को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देने का निर्णय किया गया था। 

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