नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार के लिए दिल्ली में आवास का प्रबंध करने समेत कई निर्देश दिये। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि वे राष्ट्रीय राजधानी में रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें अपने गृह राज्य में खतरे की आशंका है। इसके बाद अदालत ने गवाह सुरक्षा दिशा-निर्देशों के तहत ये निर्देश दिये।
अदालत की कार्यवाही से जुड़े एक वकील ने बताया कि जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने निर्देश दिये कि बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों- मां, दो बहन और एक भाई के लिए अगले सात दिन के लिए एम्स के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर के छात्रावास में अस्थायी रूप से रहने की व्यवस्था की जाये। पीड़िता को बुधवार को एम्स से छुट्टी मिलने की संभावना है। एक दुर्घटना के बाद महिला को गत 28 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा मिली हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक रिपोर्ट दाखिल करने के बाद अदालत ने ये निर्देश दिये है। राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा था कि पीड़िता का परिवार राष्ट्रीय राजधानी में रहना चाहता है। अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई की तिथि 28 सितम्बर तय की।
उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव धर्मेन्द्र मिश्रा की ओर से दायर रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी सुरक्षा के सिलसिले में संबंधित अधिकारियों से संपर्क भी किया था और अधिकारियों को बताया गया था कि परिवार दिल्ली में रहना चाहता है। गौरतलब है कि उन्नाव में भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में महिला का कथित रूप से अपहरण किया और बलात्कार किया। उस समय वह नाबालिग थी। अदालत ने मामले में सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय किए थे।