नई दिल्ली: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि नियंत्रण रेखा पर हालात बिगड़ सकते हैं और देश को किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीज फायर का उल्लंघन किया जा रहा है। बिपिन रावत अब आर्मी चीफ से रिटायर होनेवाले हैं और नए आर्मी चीफ के लिए निश्चित तौर पर बेहद चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी होगी। हालांकि अपने बयान में रावत ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना हर हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बिपिन रावत ने कहा कि एलओसी पर कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब अगस्त में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद से पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रहा है। रावत ने कहा, “नियंत्रण रेखा पर स्थिति किसी भी समय खराब हो सकती है। हमें हर कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।” केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने लोकसभा में कहा था कि “अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 950 घटनाएं हुई हैं।”
जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद घाटी में सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद से निपटने में त्वरित कार्रवाई की नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होना है लेकिन ऐसी संभावना है वह देश के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ नियुक्त किए जाएंगे । सुरक्षा बलों के आकलन के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने घाटी में बहुत हद तक घाटी में स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है लेकिन अभी भी चौकन्ना रहने की जरूरत है ताकि माहौल ना खराब हो ।
सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है और वास्तविक आकलन के आधार पर एक-एक कदम उठाए जा रहे हैं । केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने लोकसभा में कहा था कि “अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 950 घटनाएं हुई हैं।” सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) नियमित रूप से एलओसी पर भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने का प्रयास कर रही है। (इनपुट-भाषा)