बेंगलुरू: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कर्नाटक सरकार को 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती के शर्मनाक कार्यक्रम पर उन्हें नहीं निमंत्रित करने को कहा है। हेगड़े ने कल ट्वीट किया, 'मैंने कर्नाटक सरकार से नृशंस हत्यारे, धर्मांध और समाज में बलात्कारी के रुप में चर्चित व्यक्ति का महिमामंडन करने वाले शर्मनाक कार्यक्रम में मुझे नहीं आमंत्रित करने को कहा है।'
भाजपा नेता ने मुख्य सचिव और उत्तर कन्नड़ के उपायुक्त को पत्र लिखा है और उनसे कहा है कि वे राज्य सरकार से मैसूर के 18 वीं सदी के शासक की जयंती के कार्यक्रम पर आमंत्रित किये जाने वालों में उनका नाम नहीं शामिल करने को कहें। इस पत्र पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने आज यहां संवादाताओं से कहा, सरकार का हिस्सा होने के नाते उन्हें यह नहीं लिखना चाहिए था....... टीपू जयंती कार्यक्रम के लिए निमंत्रण केंद्र और राज्य के सभी नेताओं को भेजा जाएगा, उसे स्वीकार करना या नहीं स्वीकार करना उन पर निर्भर करता है। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने को लेकर भाजपा की आलोचना भी की।
उन्होंने कहा, ब्रिटिश के खिलाफ चार लड़ाइयां लड़ी गयीं और टीपू ने सारी लड़ाइयां लड़ीं। उन्होंने कहा कि टीपू स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत को उपनिवेशवाद के चंगुल से छुड़ाने में मदद की। राज्य के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, जिस किसी विधायक या सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में कार्यक्रम होगा, उसे निमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह प्रोटोकॉल है और पहले भी ऐसा किया गया है और आगे भी ऐसा किया जाता रहेगा। टीपू जयंती में शामिल होना या नहीं होना हेगड़े पर निर्भर करता है।
वर्ष 2016 में भी हेगड़े ने कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में रहने वालों के कुछ वर्गों के विरोध के बावजूद टीपू जयंती मनाने पर राज्य सरकार की आलोचना की थी। हेगड़े ने कहा था कि टीपू कन्नड़ भाषा और हिंदुओं के विरुद्ध थे। बाद में हेगडे़ को उार कन्नड़ जिले में समारोहों को बाधित करने के लिये हेगड़े को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा और आरएसएस ने भी यह जयंती मनाने के सरकार के फैसले की आलोचना की और इसे अल्पसंख्यक तुष्टीकरण करार दिया था।