नई दिल्ली: सियासत के मैदान से लेकर जंग के मैदान तक राफेल का नाम सुनाई दे रहा है। राफेल की फाइल गायब होने पर आज फिर राहुल गांधी ने पीएम पर हमला बोला। राफेल वही लड़ाकू विमान है जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद एक बड़़ा बयान दिया था। मोदी ने कहा था राफेल होता तो पाकिस्तान का एक भी लड़ाकू विमान वापस नहीं जाता। सवाल उठता है कि अगर मिग-21 की बजाय विंग कमांडर अभिनंदन राफेल उड़ा रहे होते तो क्या होता?
एक्सपर्ट की मानें तो राफेल दुनिया के सबसे चुनिंदा लड़ाकू विमानों में एक है। यही वजह है कि राफेल का नाम ही दुश्मन के सीने में खौफ पैदा कर देता है क्योंकि राफेल की मारक क्षमता और उससे दागी जाने वाली मिसाइल 150 किलोमीटर तक दुश्मन के लडा़कू विमान को धाराशायी कर सकती है। यानी राफेल के डर से पाकिस्तान वायुसेना घुसपैठ की कोशिश नहीं करता।
एक्सपर्ट ने समझाया कि अगर अभिनंदन मिग-21 की बजाय राफेल उड़़ा रहे होते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे इससे किसी कीमत पर इंकार नहीं किया जा सकता। यानी भारतीय वायु सेना के लिए बालाकोट ऑपरेशन और Loc पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों पर करार प्रहार करने में आसानी होती। अभिनंदन अगर राफेल उड़ा रहे होते तो वो डॉग फाइट में F-16 पर भारी पड़ते।
ऐसा इसलिए क्योंकि 4th जेनरेशन प्लस राफेल जेट स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी से लैस है जबकि पाकिस्तान का सबसे बेहतर विमान एफ 16 एक पुराना डिजायन है। कई रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार टेक्नोलाजी और ताकत के मामले में राफेल के सामने पाकिस्तानी एफ-16 फेल है। यही वजह है कि जब पाकिस्तान ने LOC में घुसपैठ की कोशिश थी तो उस वक्त अगर अभिनंदन राफेल उड़ा रहे होते तो नतीजे कुछ और होते।
जमीन पर हमला करना हो या फिर हवा में कलाबाजी दिखाते हुए दुश्मन के विमान को ढेर करना ये दोनों ही काम राफेल से आसानी से हो सकता है क्योंकि इस लड़ाकू विमान को घातक बना देती है मीटियोर और स्केल्प मिसाइलें। राफेल की रेंज इतनी ज्यादा है कि दुश्मन के लड़ाकू विमान को दूर से हवा में ही मिसाइल हमले में ढेर कर सकती है। एक्सपर्ट मानते है कि अगर अभिनंदन मिग-21 की बजाय राफेल से दुश्मनों को खदेड़ा होता तो एक फिर पाकिस्तानी फाइटर नहीं बचता।
डिफेंस एक्सपर्ट बताते है कि भारतीय वायुसेना के पास अगर राफेल होता तो बालाकोट में बम गिराना बहुत आसान होता। दरअसल राफेल 150 किमी की बियॉड विजुअल रेंज तक मिसाइल दाग सकता है। यकीन मानिए इस फाइटर से 150 किलोमीटर दूर तक टारगेट को ध्वस्थ किया जा सकता है। यानी अगर बालकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर वायु सेना एलओसी से मिसाइल दाग सकती थी और तो और जंग की घड़ी में राफेल से परमाणु हमला तक किया जा सकता है।
एक्सपर्ट मानते है कि राफेल जैसा लड़ाकू विमान अगर भारतीय वायु सेना के पास होता तो नतीजे और बेहतर होते, हालांकि कुछ एक्सपर्ट मानते है कि राफेल को भी शूट डाउन किया जा सकता है। एक्सपर्ट बताते है कि ट्रैक होने के बाद किसी भी फाइटर प्लेन का शूट डाउन मुमकिन है। यानी अगर अभिनंदन राफेल उड़ा रहे होते तो भी शूट डाउन का खतरा जस का तस बरकरार रहता।
आज जंग मैदानों पर नहीं बल्कि आसमान से लड़़ी जा रही हैं और जिस मुल्क की एयरफोर्स सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों से लैश है वो सबसे ताकतवर है। यही वजह है कि हिंदुस्तान अपने हवाई बेडे को ताकतवर बनाने में जुटा हुआ है। भारतीय वायु सेना के बेड़े में सुखोई, मिराज और तेजस जैसे लड़ाकू विमान मौजूद है और जैसे ही इस जंगी काफिले में राफेल जुड़ेगा हिंदुस्तानी एयरफोर्स की ताकत दो गुनी हो जाएगी।