नई दिल्ली. रविवार को इंडिया टीवी ने स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों व हेल्थ मिनिस्टर्स ने शिरकत की। कार्यक्रम में दिल्ली स्थित AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी हिस्सा लिया और कई अहम बातें बताईं। उन्होंने बताया कि इस महीने के अंत तक रूस की वैक्सीन स्पूतनिक मार्केट में आ सकती है। उन्होंने बताया कि स्पूतनिक कंपनी ने आवेदन किया हुआ है। कैडिला वैक्सीन भी भारत में बनेगी उसको भी अनुमति कुछ समय में मिल जानी चाहिए। ये दोनों वैक्सीन भारत में ही बनेंगी।
कोरोना के एक्टिव मामलों में अचानक वृद्धि के सवाल पर उन्होंने बताया कि इस बार जनवरी फरवरी में जो हमारे केस कम हुए थे तो वैक्सीन लगना शुरू हो गई थी तो लोगों ने लापरवाही शुरू कर दी, लेकिन वायरस हमारे यहां था और उसे मौका मिल गया फैलने के लिए। दूसरा वायरस के भी वेरिएंट बदल रहे हैं, यूके वेरिएंट बहुत तेजी से फैलता है और पुराने वेरिएंट के मुकाबले 30-60 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है। इसी वजह से हमारे देश में तेजी से केस बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम डेटा देखें जो पंजाब से आ रहा है उसमें यही दिख रहा है कि वहां से ज्यादातर पॉजिटिव केस यूके वेरिएंट के हैं। स्थिति वैसी ही है जैसे यूके और यूरोप में थी वहां नया वेरिएंट आया और लोग लापरवाह हो चुके थे और एकदम वहां भी मामले बढ़ना शुरू हो गए थे। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक जो डेटा आया है उसमें यह नहीं आया है कि नए वेरिएंट की ज्यादा मृत्युदर है, पिछले के मुकाबले यह वेरिएंट ज्यादा संक्रमित करता है लेकिन मृत्युदर उतनी ज्यादा नहीं है।
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर हम सब लोगों के लिए वैक्सीन खोल दें, हमारी व्यस्क पॉप्यूलेशन को देखें तो लगभग हम 100 करोड़ के करीब हैं और हमे चाहिए होंगी 200 करोड़ वैक्सीन, अगर हम दुनिया की सारी वैक्सीन भी रख लें तो भी हमें 200 करोड़ वैक्सीन नहीं मिलेगी। जैसे-जैसे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई बढ़ेगी वैसे वैसे सब लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में हमारी वैक्सीन की सप्लाई बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोई सोल्यूशन नहीं है, यह एक हथियार है, लेकिन उसके अलावा ज्यादा बड़ा हथियार है, वो है कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना, वैक्सीन के अलावा हमें और चीजें भी साथ करनी पड़ेगी। अगर हम वैक्सीन लगा दें तो भी कोरोना प्रोटोकॉल पालन करना जरूरी होगा। जैसे जैसे वायरस बदलेगा तो हो सकता है हमें वैक्सीन भी चेंज करनी पड़े, अगर कोई भी वेरिएंट आएगा और उससे बचना है तो मास्क लगाने से ही बच सकेंगे।