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महज 37 फीसदी हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को लग पाई हैं कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, 16 जनवरी को जोर शोर से इस श्रेणी वैक्सीन दिए जाने के साथ शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन में महज 2.36 करोड़ हेल्थ वर्कर्स ने रजिस्टर करवाया। यदि पंजीकृत स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या पर के हिसाब से ही देखा जाए तो अबतक सिर्फ 47 फीसदी पूरी तरह से वैक्सीनेटड हो पाए हैं, जो कि आधे से भी कम है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2021 8:27 IST
coronavirus vaccine only 37 percent health front line workers vaccinated so far महज 37 फीसदी हेल्थ औ- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) महज 37 फीसदी हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को लग पाई हैं कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज

नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाया हुआ है। इस वक्त एक्सपर्ट्स कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल्स के पालन और कोरोना वैक्सीन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल भी रहा है। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि सबसे पहले चरण में हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना की डोज दिए जाने के बावजूद अपने 3 करोड़ के अनुमानित लक्ष्य से काफी पीछे है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक सिर्फ 37 फीसदी हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी गई हैं, जबकि 91 लाख को सिर्फ पहली डोज ही लगी है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, 16 जनवरी को जोर शोर से इस श्रेणी वैक्सीन दिए जाने के साथ शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन में महज 2.36 करोड़ हेल्थ वर्कर्स ने रजिस्टर करवाया। यदि पंजीकृत स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या पर के हिसाब से ही देखा जाए तो अबतक सिर्फ 47 फीसदी पूरी तरह से वैक्सीनेटड हो पाए हैं, जो कि आधे से भी कम है। अधिकारियों का कहना है कि कई राज्य इस प्राथमिक समूह को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित नहीं कर पाए, जिस वजह से प्रारंभिक चरण के दौरान टीकाकरण की धीमी गति थी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में गहन जागरूकता अभियान के बाद कई प्रसिद्ध डॉक्टर और सार्वजनिक हस्तियां ने टीका लगवाया और देश के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए उत्साहित किया लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे थे जो संकोच में थे और अपने शॉट्स के लिए आगे नहीं आए।

अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग मान बैठे हैं कि उनके पास एंटीबॉडीज हैं क्योंकि उन्हें अबतक कोरोना संक्रमण नहीं हुआ। मनीपाल अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर सुदर्शन भलाल ने ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वैक्सीन के संकोच का कोई औचित्य नहीं है। यदि किसी स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन को लेकर झिझक है, तो समाज में बड़े स्तर पर टीकाकरण के लिए प्रेरित करना बहुत मुश्किल होगा और अगर इस श्रेणी का टीकाकरण नहीं हुआ तो इसके कुछ परिणाम भी हो सकते हैं।

रविवार सुबह 7 बजे तक दी गई, कोरोना डोज की कुल संख्या 12.26 करोड़ है। 45 से 60 के बीच के 10.8 लाख और 60 से ऊपर 38.9 लाख लोगों को दो खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया गया है। वर्तमान में, आठ राज्यों में अब तक दी गई कुल खुराक का 59.5% डोज लगाई गई हैं। 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाने वालों में महाराष्ट्र (1,21,39,453), उत्तर प्रदेश (1,07,12,739), राजस्थान (1,06,98,771) और गुजरात (1,03,37,448) शामिल हैं। लेकिन अगर बार इन राज्यों की आबादी के अनुसार कि जाए तो यहां कवरेज रेट काफी कम है। महाराष्ट्र औऱ यूपी में 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के मामले में ज्यादा बेहतर काम नहीं हुआ है।

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