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Corona Vaccine हलाल या हराम? कई देशों में छिड़ी बहस

Coronavirus Vaccine: इस बहस के पीछे मुस्लिम समुदाय के कुछ धार्मिक समूह हैं, जो वैक्सीनों में सुअर के मांस के जरिए बनाए वाले उत्पादों के इस्तेमाल को लेकर आशंकित हैं। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 21, 2020 10:56 IST
Coronavirus vaccine halal or haram muslim community discuss । Corona Vaccine हलाल है या हराम? कई देश- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Corona Vaccine हलाल है या हराम? कई देशों में छिड़ी बहस

नई दिल्ली. दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वैक्शीनेशन प्रोग्राम शुरू हो गया है। भारत में भी जनवरी में Corona Vaccination प्रोग्राम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारतवासी चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमारे बीच में एक ऐसी डोज हो, जो न सिर्फ प्रभावी हो बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित भी हो। लेकिन दुनिया के कुछ लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अलग बहस भी चल रही है। दरअसल मुस्मिल समुदाय के कुछ लोग ये जानना चाहते हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल इस्लामिक नियमों और मान्यताओं के तहत जायज होगा?

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दरअसल इस बहस के पीछे मुस्लिम समुदाय के कुछ धार्मिक समूह हैं, जो वैक्सीनों में सुअर के मांस के जरिए बनाए वाले उत्पादों के इस्तेमाल को लेकर आशंकित हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि Pork के जरिए बनाया जाने वाला जिलेटिन व्यापक रूप से भंडारण और परिवहन के दौरान टीकों को सुरक्षित और प्रभावी बने रहने के लिए एक स्टेबलाइजर के रूप में उपयोग किया गया है। हालांकि दुनिया के कुछ कंपनियों ने pork free vaccine विकसित करने के लिए वर्षों तक काम किया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Swiss pharmaceutical company Novartis ने एक pork free  meningitis वैक्सीन का उत्पादन किया है, जबकि सऊदी और मलेशिया स्थित AJ Pharma वर्तमान में एक ऐसी ही वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रही है। इस बारे में  Pfizer, Moderna and AstraZeneca की तरफ से भी बयान जारी किया गया है और कहा गया है कि उनकी वैक्सीन में सुअर के मांस से बने उत्पाद का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

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न सिर्फ बड़ी आबादी वाले मुस्लिम देशों में बल्कि अन्य देशों में भी मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है। इस मामले पर British Islamic Medical Association के जनरल सेक्रेटरी डॉ. सलमान वकार कहते हैं कि मुस्लिमों और Orthodox Jews में ऐसे टीके के इस्तेमाल को लेकर असमंजस की स्थिति है। ये समुदाय सुअर के मांस के बने उत्पादों को अपवित्र मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामिक विद्वानों में इस बात को लेकर मतभेद है कि क्या आप पोर्क जिलेटिन जैसी कोई चीज लेते हैं और इसे कठोर रासायनिक परिवर्तन से गुजरना पड़ता है। क्या यह फिर भी अशुद्ध माना जाता है।

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Pork फ्री वैक्सीन के मसले को विभिन्न मुस्लिम देशों ने गंभीर रूप से लिया है। मलेशिया में लोगों के बीच किसी भी वैक्सीन का हलाल स्टेटस सबसे बड़ा विषय है। सभी लोग अपने बच्चों को वैक्सीन लगवाए इसके लिए कड़े कानून लागू किए गए हैं। ऐसा न होने पर उनपर फाइन लगाया जाता है और जेल भेजा जाता है। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में तो वैक्सीन लगाने वाली टीमों पर हमले तक के कई मामले सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान में धार्मिक और राजनीतिक कारणों से वैक्सीन को लेकर लोगों आत्मविश्वास कम हुआ है। यहां  माता-पिता को पोलियो के खिलाफ अपने बच्चों को टीका लगाने से इनकार करने के लिए जेल तक में डाला गया है।

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