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कोरोना वैक्सीन: कोरोना के खिलाफ 50 प्रतिशत भी प्रभावी नहीं कोई वैक्सीन, WHO ने कही ये बात

दुनियाभर में 37 कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं जबकि 188 वैक्सीन की निगरानी डब्ल्यूएचओ कर रहा है। 188 में 9 अंतिम चरण में हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 07, 2020 22:55 IST
coronavirus vaccine for cure coronavirus- India TV Hindi
Image Source : AP coronavirus vaccine for cure coronavirus

नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर रोज तरह-तरह की खबरें आ रही हैं। दुनिया भर में कोरोना के मामले 2.7 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं। जहां दुनिया भर के लोग कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन या टीके का इंतजार कर रहे हैं वहीं कई देश और कई कंपनियां वैक्सीन बनाने में तेजी से जुटी हुई हैं। कई कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को स्वीकृति नहीं दी है। फिलहाल ब्रिटेन, रूस, अमेरिका और चीन के साथ भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल जारी है। लेकिन आखिर ये वैक्सीन कब तक आम लोगों तक पहुंच पाएगी, इसको लेकर सबके मन में सवाल है। 

दुनियाभर में 37 कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में

वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की मानें तो कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता अगले साल (2021) के मध्य तक ही संभव हो पाएगी। दुनियाभर में 37 कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं जबकि 188 वैक्सीन की निगरानी डब्ल्यूएचओ कर रहा है। 188 में 9 अंतिम चरण में हैं। अंतिम चरण में कंपनियां हजारों वॉलंटियर पर अपने वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं। बता दें कि, हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने जोर देकर कहा था कि वह कभी ऐसी वैक्सीन का समर्थन नहीं करेगा, जो जल्दबाजी में विकसित की गई हो और प्रभावशाली के साथ सुरक्षित साबित न हुई हो। 

अमेरिकी चुनाव से पहले आ जाएगी कोरोना वैक्सीन?

आपको बता दें कि, रूस इसी हफ्ते से कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-वी को आम जनता के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के सीईओ किरिल दिमित्रिक ने कहा है कि कोरोनो वायरस के लिए स्पुतनिक वी वैक्सीन के ट्रायल भारत सहित कई देशों में इस महीने शुरू हो जायेंगे। कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-वी उच्च जोखिम वालों को पहले दी जायेगी। वैक्सीन की उम्मीद तब और बढ़ गई, जब अमेरिकी स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने 50 राज्यों से कहा कि अमेरिकी चुनाव से ठीक दो दिन पहले 1 नवंबर तक कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार रहें।  

कोरोना के खिलाफ 50 प्रतिशत भी प्रभावी नहीं कोई वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने जिनेवा में कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई वैक्सीन एडवांस क्लिनिकल स्टेज में हैं। लेकिन, किसी भी वैक्सीन के लिए यह नहीं कहा जा सकता है कि वह पूरी तरह से प्रभावी हैं। उन्होंने कहा कि हम अगले साल के मध्य तक भी व्यापक वैक्सीनेशन की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। मार्गरेट ने आगे कहा कि फेज 3 के ट्रायल में अधिक समय लग रहा है क्योंकि हम देखना चाहते हैं कि वह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कितनी सुरक्षा मुहैया कराती है और उसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है।

'दुनिया को अगले साल के मध्य में उपलब्ध होगी कोरोना की वैक्सीन'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बीते शुक्रवार को मीडिया से कहा, 'हम कुछ ऐसी वैक्सीन से परिणाम की उम्मीद करते हैं जो तीसरे चरण में हैं और इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक आ सकती हैं। इसके बाद करोड़ों टीके का उत्पादन करने के लिए स्केलिंग की जरूरत होगी। वास्तव में कहें तो वैक्सीन संभवतः 2021 के मध्य तक आएगी।' आम तौर पर एक वैक्सीन विकसित होने और ट्रायल होने से लेकर आम आदमी के लिए मेडिकल शॉप तक पहुंचने में कम से कम तीन से चार साल लगते हैं। लेकिन कोरोना महामारी की आपात स्थिति के चलते अगले 12-18 महीनों में इसकी वैक्सीन बाजार में आने की संभावना है।

चीन ने दुनिया के सामने पेश की अपनी पहली कोरोना वैक्सीन

चीन ने दुनिया के सामने अपनी पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को पेश किया है। इस वैक्सीन को चीन की सिनोवेक बायोटेक और सिनोफॉर्म ने मिलकर तैयार किया है। हालांकि, इस वैक्सीन को अभी बाजार में जारी नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल अभी जारी है। इस वैक्सीन के सभी ट्रायल्स सफलतापूर्वक खत्म होने के बाद इसे बाजार में जारी कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि यह वैक्सीन बाजार में 2020 के आखिरी में ही उपलब्ध होगी। जिस कोरोना वायरस वैक्सीन को चीन ने प्रदर्शित किया है, वह दुनिया के उन 10 वैक्सीनों में शामिल है जो अपने क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी चरण में हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है। हालांकि, आयोग ने यह नहीं बताया कि चीन में क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंची चार वैक्सीन में से किसे लोगों को दिया गया है। इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी दावा किया कि लोगों पर इस वैक्सीन का कोई कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।

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