नई दिल्ली: एम्स डायरेक्ट डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने रविवार को इंडिया टीवी से खास बातचीत में कहा कि 15 अगस्त तक कोरोना वैक्सीन आना मुश्किल है। लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक वैक्सीन आ सकती है। और अगर ऐसा लगा कि इसमें कुछ बदलाव करने की जरुरत है, इम्यूनिटी बढ़ाने की जरूरत है तो अगले साल के शुरु में यह वैक्सीन आ सकती है। उन्होनें बताया कि वैक्सीन का देश के कई सेंटर पर 3 फेस में ह्यूमन ट्रायल होगा। अभी हमें यह देखना होगा कि इस वैक्सीन से ह्यूमन ट्रायल के दौरान कोई साइड इफेक्ट तो नही हो रहा है। अगर वैक्सीन इसमें सफल रही तो फिर इसका मास प्रोडक्शन शरु हो सकता है।
वैक्सीन के टेस्ट में इसके साइड इफेक्ट का ह्यूमन बॉड़ी पर कितना खतरा होगा?
हेल्दी वालंटियर जो खुद इसके लिए आगे आएंगे सिर्फ उनके उपर ही इसको टेस्ट किया जाएगा। इस वैक्सीन का हम पहले ही एनिमल के उपर स्टडी कर चुके है और देख चुके है कि यह सेफ है। इस प्रोसेस के बाद ही ड्रग कंट्रोलर से परमिशन मिलती है कि ह्यूमन पर ट्रायल कर सकते है। तो इस वैक्सीन के लिए वालंटियर करने वालों पर मिनिमम रिस्क रहता है लेकिन वैक्सीन सैफ रहता है क्योंकि इसका ट्रायल ह्यूमन पर करने से पहले कई बार किया गया होता है।
उन्होनें बताया कि ह्यूमन बॉडी पर वैक्सीन देने के बाद हर कुछ दिन में उनका ब्लड टेस्ट होता है, यह जानने के लिए की उनके शरीर पर वैक्सीन का कितना असर हुआ है। इम्यूनिटी आई है या नहीं और उस डेटा को एनालाइड करना होगा। इसलिए मैं कह रहा था कि इस प्रोसेस में थोड़ा समय लग सकता है इस कारण मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन 15 अगस्त तक आ सकती है।