नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन बनाने का काम और कंपनियों को भी देना चाहिए ताकि कोविड वैक्सीन की किल्लत दूर की जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य अगले दिन महीने में पूरे शहर को वैक्सीन लगाने का है लेकिन वैक्सीन की बहुत ज्यादा कमी है। भारत में दो कंपनियां ही वैक्सीनेशन का काम कर रही हैं, ऐसे में ये किल्लत दूर करना आसान नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ और कंपनियों से कोविड वैक्सीनेशन शुरू करवाना चाहिए और रॉयलिटी के रूप में लाभ का हिस्सा कोरोना वैक्सीन का फॉर्म्यूला बनाने वाली दोनों कंपनियों के साझा करना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "पूरे देश में इस समय वैक्सीन की कमी है, कुछ राज्यों में तो वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन शुरू भी नहीं हो पाया है। आज केवल 2 कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं और ये दोनों महीने भर में केवल 6-7 करोड़ वैक्सीन डोज बना रही है और इतनी वैक्सीन से पूरे देश को वैक्सीन लगाने में 2 साल लग जाएंगे। तबतक तो पता नहीं कितनी लहरें आ जाएंगी और कितनी बर्बादी होगी, इसलिए जरूरी है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन युद्धस्तर तक बढ़ाएं।"
उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाने का काम केवल 2 कंपनियां न करें बल्कि कई कंपनियों को वैक्सीन बनाने में लगा लिया जाए। केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने का फॉर्म्यूला इन दोनों कंपनियों से लेकर उन कंपनियों को दे, जो वैक्सीन बनाने में सक्षम हैं। ऐसे कठिन समय में केंद्र सरकार के पास पावर है कि वो ऐसा कर सकते हैं। वैक्सीन बनाने का फार्मूला सार्वजनिक करके यह सुनिष्चत किया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत में जो भी प्लांट वैक्सीन बनाने में सक्षम है उन सबमें वैक्सीन का उत्पादन होना चाहिए, जिससे हर देशवासी को वैक्सीन मिले। यही एक तरीका है जिसके जरिए हर भारतीय को वैक्सीन मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पहली लहर में पीपीई किट बनाने के लिए पूरा देश जुट गया था। कई कंपनियों ने पीपीई किट बनाने का काम शुरू कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के केस अब कम हो रहे हैं, सबके सहयोग से लॉकडाउन सफल रहा। हमने पिछले दिनों में ऑक्सीजन के बहुत बेड बढ़ाए हैं। अब दिल्ली में ICU और ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं है।