उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल-कॉलेज को कोरोनावयरस के कारण 22 मार्च तक बंद कर दिया गया है। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि जहां-जहां परीक्षाएं चल रही हैं वहां परीक्षाएं रद्द नही होंगी और जहां परीक्षा शुरू नहीं हुई हैं वहां उसे अगले आदेश तक टाल दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस को एपेडमिक यानी महामारी घोषित कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा तक के सभी स्कूल- कॉलेज बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश में अबतक कोरोनावायरस के 11 मामले सामने आ चुके है जिनमें 10 भारतीय नागरिक हैं और एक विदेशी नागरिक। उत्तर प्रदेश के 11 मामलों में 7 मामले आगरा, 2 गाजियाबाद, 1 नोएडा और एक लखनऊ में है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्ष में हुई इस बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा ,बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार, नगर विकास, ग्राम विकास ,पंचायती राज के प्रमुख सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश में स्कूलों, सिनेमाघरों, जिलों की स्थिति व भीड़भाड़ की जगहों को लेकर भी सघन चर्चा हुई है।
योगी सरकार ने लिए अहम फैसले -
- सरकारी और निजी मिलाकर 24 मेडिकल कॉलेजों में 448 बेड 'आइसोलेशन वार्ड' के लिए सुरक्षित रखे गए हैं।
- चिकित्सकों के प्रशिक्षण हेतु विशेष कार्यक्रम सुनिश्चित किये गए और अब तक 4100 से अधिक चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 'आइसोलेशन वार्ड' बनाए गए हैं। जनपद स्तर पर 820 बेड हमने आरक्षित किए हैं।
- प्रदेश में तीन स्थानों पर, लखनऊ में दो जगहों- KGMU और SGPGI में व अलीगढ़ में कोरोना के नमूने लेने की व्यवस्था थी। गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज और BHU में भी जांच के लिए नमूने लेने की तैयारी की जा रही है।
- प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस के नमूने एकत्रित करने की सुविधा को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की गई है।
भारत में अबतक 73 मामलों की पुष्टि
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 मार्च तक देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है जिनमें 56 भारतीय हैं और बाकी 17 विदेशी नागरिक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 12 मार्च तक सबसे अधिक भारतीय मामले केरल में पाए गए हैं जिसके बाद महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का नंबर है। हरियाणा में भी मामले हैं लेकिन वे सभी विदेशी नागरिक हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 मार्च तक केरल में कुल 17 भारतीय नागरिकों को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है, इसके बाद महाराष्ट्र में 11 भारतीय नागरिकों को वायरस से ग्रसित पाया गया है। उत्तर प्रदेश में भी 11 मामले हैं जिनमें 10 भारतीय नागरिक हैं और एक विदेशी नागरिक। दिल्ली में 6 मामलों की पुष्टि हुई है और वे सभी भारतीय हैं। हरियाणा में कुल 14 मामले हैं लेकिन वे सभी विदेशी नागरिक हैं।
भारत में वायरस के कारण पहली मौत की पुष्टि
कर्नाटक में 76 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत के बाद भारत में कोरोना वायरस के कारण पहला मौत का मामला सामने आ चुका है। राज्य सरकार ने गुरुवार को बताया था कि इस व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह था, जिस कारण उसका इलाज चल रहा था। मृत्यु पूर्व लिए गए उसके नमूनों की जांच में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी.श्रीरामुलु ने ट्वीट किया था कि इस व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, उन्हें पृथक रखने और प्रोटोकॉल में शामिल अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘कलबुर्गी के 76 वर्षीय व्यक्ति, जिसकी मृत्यु हो गयी थी और जो कोविड-19 संक्रमण का संदिग्ध मरीज था, उसमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। उसके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, उन्हें पृथक रखने और प्रोटोकॉल में शामिल अन्य कदम उठाए जा रहे हैं।’’ हाल ही में सउदी अरब से लौटे इस व्यक्ति की मंगलवार रात मौत हो गई थी।