पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में सीएए-एनआरसी के खिलाफ पिछले 73 दिनों से धरने पर बैठी महिलाओं ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। बता दें कि शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के बावजूद ये महिलाएं प्रदर्शन कर रही थीं। हालांकि राज्य में कर्फ्यू लगने के बाद अब कोंढवा इलाके में चल रहा यह आंदोलन 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुंबई के बाद पुणे महाराष्ट्र का दूसरा ऐसा शहर है जहां सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन को स्थगित करने का ऐलान किया गया है।
शाहीन बाग भी हुआ खाली
वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी भी हटाए गए हैं। करीब 3 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सड़क के बीचों बीच बने प्रदर्शन स्थल को दिल्ली पुलिस ने हटा दिया है। शाहीन बाग में तैयार मंच और अन्य स्ट्रक्चर्स को भी पुलिस हटा कर ले गई है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन स्थल से कुछ महिलाओं और पुरुषों को हिरासत में लिया गया है क्योंकि वे प्रदर्शन स्थल खाली करना नहीं चाहते थे।
लखनऊ में भी स्थगित किया गया प्रदर्शन
गौरतलब है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में घंटाघर पर चल रहा सीएए-एनआरसी विरोधी धरना सोमवार को स्थगित कर दिया गया। इस धरने में शामिल महिलाओं ने कहा था कि कोरोना वायरस के चलते वे इस धरने को अस्थायी तौर पर स्थगित कर रही हैं। महिलाओं ने प्रशासन को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि वे धरनास्थल पर अपना दुपट्टा और मंच को छोड़कर जा रही हैं। उन्होंने प्रशासन से कहा कि उनके द्वारा धरनास्थल पर छोड़ी गई चीजों को वैसे ही रहने दिया जाए और इसे सांकेतिक धरना माना जाए।