नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करने वाले लोग 14 दिनों तक अलग-थलग किए जाने से बचने के लिए देश के हवाईअड्डों से निकलकर घर जाने के लिए ट्रेनों का रुख करने लगे, मगर अब वे ट्रेनों से भी सफर नहीं कर पाएंगे, क्योंकि हवाईअड्डों के साथ-साथ सभी बड़े रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देशभर के महानगरों में विदेश यात्रा से लौटे भारतीय और विदेशी लोगों की निगरानी की जा रही है।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और इसकी खुफिया शाखा ने ऐसे कई यात्रियों को रोका है जिन्होंने दो सप्ताह के लिए अलग-थलग किए जाने से बचने की कोशिश में हवाईअड्डों से निकलकर ट्रेनों का रुख किया था।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि असम की सीमा पर हाल ही में एक यात्री को रोका गया, जो बेंगलुरू के हवाई अड्डे से निकलकर सियालदह के लिए ट्रेन में सवार हुआ था। यात्री सियालदह से गुवाहाटी के लिए जब कंचनजंघा एक्सप्रेस में सवार हुए थे, तभी उनको रोका गया।
कुमार ने बताया कि यूरोप से लौटे एक अन्य यात्री नई दिल्ली में राजधानी एक्सप्रेस में चढ़ा था, जिसे आरपीएफ ने भुवनेश्वर में रोका। आरपीएफ महानिदेशक ने बताया कि इन पैसेंजरों के सहयात्रियों की पहचान कर ली गई है। दरअसल, विदेशों से लौटे लोगों में कोरोना वायरस (कोविड-19) पाजिटिव होने का ज्यादा खतरा है।
कोरोनावायरस के खतरे को लेकर आरपीएफ के 76,000 कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है, क्योंकि देश में परिवहन के मामले में रेलवे जीवनरेखा है। देशभर में आरपीएफ के 15 बटालियन मुख्यालयों में से प्रत्येक में 2,500 कोरांटीन बेड की सुविधा बनाई गई है।
इसके अलावा, विभिन्न जिलों में स्थित 100 से अधिक रेलवे अस्पतालों और उनके कर्मचारियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
कुमार ने कहा, "सभी बड़े रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्कैनिंग और आवश्यक प्रक्रियाओं की व्यवस्था की गई है। प्लेटफार्म पर भीड़ कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, आरपीएफ कर्मियों की छुट्टियां के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।"
जिस व्यक्ति को खुद को कोरांटीन करने की जरूरत है वह अगर ट्रेन में सफर करने की कोशिश करता है तो घातक कोरोनावायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के मद्देनजर उसके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया जा सकता है।
कुमार ने बताया, "कोलकाता से भागने की कोशिश करने वाले ऐसे ही एक यात्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। हम अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी कार्रवाई कर रहे हैं। दक्षिण-पश्चिम रेलवे, बेंगलुरू में तैनात असिस्टेंट पर्सनल ऑफिसर (एपीओ) रैंक की एक महिला अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने अपने बेटे को रेलवे अतिथिशाला में छिपाने की कोशिश की थी। उनका बेटा विदेश से लौटा था और उसे कोरोनावायरस के संदिग्ध के तौर पर 14 दिनों के लिए कोरांटीन किया जाना था।"
आरपीएफ महानिदेशक ने बताया कि आगरा में भी रेलवे के एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई जिसने अपनी बेटी की यात्रा की योजना के संबंध में जानकारी छिपाने की कोशिश की। अधिकारी की बेटी बेंगलुरू में कोरांटीन किए जाने से बचने के लिए अपने माता-पिता के घर आगरा आ गई थीं।
कोरोनावायरस के प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए रेलभवन, मंडल मुख्यालयों और देशभर में इसके विभागों में विजिटर्स के आने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा, ट्रेन, प्लेटफार्म और विश्रामालयों को भी नियमित अंतराल पर सैनिटाइज किया जा रहा है।