नई दिल्ली। जहां देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। वहीं कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर राहत भरी खबर आयी है। केंद्र सरकार के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन ने शुक्रवार को कहा कि यदि जरूरी कदम उठाए गए तो भारत कोराना वायरस की तीसरी लहर को 'चकमा' देने में सफल हो सकता है। राघवन ने कहा कि अगर सभी सावधानी बरतें और गाइडलाइंस का पालन करें तो शायद कुछ ही जगहों पर तीसरी लहर आएगी या फिर कहीं भी नहीं आएगी। साथ ही जून से कोरोना संक्रमण के मामले कम होने भी शुरू हो जाएंगे।
डॉ. के राघवन ने कहा कि कोरोना की देश में तीसरी लहर आएगी या नहीं यह इस पर निर्भर करता है कि हम सब किस तरह गाइडलाइंस का पालन करते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, लोकल स्तर पर और सभी जगह अगर सावधानी बरतें और गाइडलाइंस का पालन करें तो तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनने और बोलने में मुश्किल लगता है लेकिन यह मुमकिन है।
उन्होंने कहा कि सावधानी बरतने को लेकर, सर्विलांस को लेकर, कंटेनमेंट, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को लेकर गाइडलाइंस को फॉलो करने पर कोरोना को रोकना मुश्किल नहीं है। डॉ. राघवन ने कहा कि दुनिया भर में और भारत में अलग-अलग वक्त में पीक आया है और यह समझना जरूरी है कि कब और क्यों संक्रमण बढ़ता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण तब बढ़ता है जब कोरोना वायरस को मौका मिलता है। इगर उसे मौका नहीं मिलेगा तो वह संक्रमित भी नहीं कर पाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, मास्क पहनते हैं, पूरी सावधानी बरतते हैं वह सुरक्षित है। लेकिन अगर वायरस को नए मौके मिलेंगे तो केस भी बढ़ेंगे। ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो पहले सावधानी बरतते थे लेकिन बाद में लापरवाह हो गए। ऐसे में केस बढ़ते हैं।
बता दें कि, डॉ. के विजय राघवन ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चेतावनी देने के दो दिन बाद शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा, 'यदि हमने कठोर कदम उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर सभी स्थानों पर या फिर कहीं नहीं आएगा। यह इस बात पर निभर करता है कि स्थानीय स्तर पर गाइडलाइंस को राज्यों, जिलों और शहरों में कितने प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।'
हालांकि, राघवन का यह बयान उनके बीते बुधवार के बयान से बिल्कुल अलग है। राघवन ने बीते बुधवार को कहा था कि वायरस जिस तेजी से फैल रहा है उसे देखते हुए देश में कोरोना की तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि यह लहर कब आएगी।' उन्होंने कहा था कि कोरोना के केसों में मौजूदा बढ़ोतरी का कारण इंडियन डबल म्यूटेंट माना जा रहा है और अब यूके वेरिएंट का असर कम हो चुका है।
राघवन ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह फेज 3 कब आएगा, लेकिन हमें तीसरी लहर को लेकर सचेत रहना होगा। वैक्सीन को अपग्रेड किए जाने पर निगरानी रखे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकारों को जानकारी देकर जरूरी कदम उठाने को कहा है। यूके वरिएंट का असर अब कम हो रहा और नए वेरिएंट प्रभाव दिखा रहे हैं।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। अस्पतालों को बेड्स और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है। ऑक्सीजन के कमी के कारण कई मरीजों को जान गंवानी पड़ी है।
वास्तविक मौतें कहीं ज्यादा
मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोरोना के कारण वास्तविक रूप से हुई मौतों की संख्या, आधिकारिक आंकड़ों से 5 से 10 गुना अधिक है। कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर समय रहते कदम न उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की आलोचना हो रही है। त्यौहार, धार्मिक उत्सवों और राजनीतिक रैलियों को संक्रमण फैलने का मुख्य कारण माना जा रहा है।