नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामले धीरे धीरे बढ़ रहे हैं, ऐसे में कोई व्यक्ति अगर थोड़ा भी अस्वस्थ महसूस कर रहा होता है तो उसे भी शक होने लगता है कि कहीं वह भी कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं हो गया। बहुत सारे लोग यह जानना चाहते हैं कि किस तरह के लक्षणों में कोरोना वायरस का टेस्ट कराने की जरूरत है। देशभर से उठ रही इस मांग को देखते हुए केंद्रीय स्वास्त्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस का टेस्ट सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोन वायरस मुख्य रूप से उन्हीं लोगों में पाया जा रहा है जिन्होंने कोरोना से प्रभावित देशों की यात्रा की हो या फिर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहा हो।
दिल्ली सरकार की तरफ से टेलिविजन चैनलों पर विज्ञापन देकर कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है। विज्ञापन में कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, सूखी खांसी और तेज बुखार एक साथ होते हैं। यानि ये कोरोना वायरस के लक्षण हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस का टेस्ट उन्हें कराने की जरूरत है जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखें, जिन्होंने पिछले 14 दिनों में विदेश की यात्रा की हो, अस्पतालों में सीवियर निमोनिया के मरीज या फिर वे जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों। इनके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को भी टेस्ट कराने की जरूरत बताई गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जो लोग कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं लेकिन अभी तक उनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखे हों उन्हें भी संपर्क में आ के 5वे से 14वें दिन के बीच कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए। ऐसे लोगों में वे शामिल हो सकते हैं जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रह रहे हों या फिर ऐसे स्वास्थ्य कर्मी जिन्होंने सुरक्षा मानकों को अपनाए बिना संक्रमित व्यक्ति का उपचार किया हो।