भोपाल: जिन कंधों पर कोरोना से जंग का जिम्मेदारी है, अगर वो ही कोरोना वायरस का शिकार हो जाएं तो क्या होगा? भोपाल में कुछ ऐसा ही हुआ है। 14 पुलिसकर्मी और उनके कई परिवार वाले कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। ऐसे में तीन थानों में पदस्थ 271 पुलिसकर्मियों को अब उनके घर की जगह होटल में ठहराने की व्यवस्था कर दी गई है। स्थिति यह है कि पुलिसवाले वर्दी के ऊपर एप्रोन पहनकर ड्यूटी निभा रहे हैं।
पिपलानी के थाना प्रभारी चैन सिंह रघुवंशी ने कहा, "हम सभी आम जनता से सीधे संपर्क में हैं, हम दिन भर लोगों से संपर्क करते रहते हैं, मस्जिदों में भी दिन रात जाते रहते हैं और मंदिरों में भी चेक करने जाते हैं। दिन रात लगे रहते हैं, एहतियात बरतते हैं लेकिन थोड़ी बहुत गलती हमसे हो ही जाती है। इतना प्रचार प्रसार करने के बाद भी जनता मानने को तैयार नहीं होती है। लॉकडाउन का उल्लंघन करती है जानबूझकर।"
स्थिति बहुत गंभीर है। क्योंकि, भोपाल के 74 कोरोना पाज़िटिव में से 29 स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी तथा कर्मचारी और 14 पुलिसकर्मी और इनके इनके परिजन हैं। यानि 50 फीसदी से ज्यादा संक्रमण भोपाल में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को है। ऐसे में इंडिया टीवी ने जब पड़ताल की कि आखिर पुलिस जवान कोरोना के संक्रमण में कैसे आए तो बड़ा खुलासा हुआ।
31 मार्च को भोपाल में अलग-अलग मस्जिदों में रुकी 20 जमातों के लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिसमें ऐशबाग की रहमानी मस्जिद में ठहरे जमातियों के सैंपल लेने पहुंची स्वास्थ विभाग की टीम के साथ ऐशबाग थाने के पुलिस कर्मी भी थे। सूत्रों की मानें तो उन्हीं में से ऐशबाग थाने के पुलिस कांस्टेबल वीरेश चौधरी भी लगातार ऐसी जमातओं को चेक करने के लिए जाते रहे।
ऐशबाग थाने के प्रभारी अजय नायर ने कहा, "फील्ड में हम लोगों का लोगों से इंटररेक्शन होता है। सात मस्जिद में जमाती थे, सातों मस्जिदों में कुछ देसी और कुछ विदेशी थे। अब यह कह नहीं सकते कि वीरेंद्र की संभावना कहां से आई क्योंकि बाकी हमारे थाने के लोग नेगेटिव निकले। हम लोग जो मस्जिदों में गए थे उनके टेस्ट भी नेगेटिव हैं।"
आपको बता दें कि इसी थाने से 3 जमातियों की जांच के बाद 2 अप्रेल को आई कोरोना रिपोर्ट में जमातियों के अलावा पुलिस कांस्टेबल वीरेंद्र चौधरी भी कोरोना पाज़िटिव पाए गए, जो टीटी नगर थाने के पास स्थित मल्टी में रहते है। इसके बाद पुलिस जवानों पर कोरोना संक्रमण के शिकार होने का सिलसिला चल पड़ा। 6 अप्रेल को 6 और पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट कोरोना पाज़िटिव आई। आज आई रिपोर्ट में 7 पुलिसकर्मियों के कोरोना पाज़िटिव होने की पुष्टि हुई है।
जिन पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है, उनमें वीरेंद्र चौधरी (कांस्टेबल, ऐशबाग थाना), ज्योति चौधरी (वीरेंद्र चौधरी की पत्नी), प्रभुदयाल (कांस्टेबल, टीटी नगर थाना), रजनी अहिरवार (प्रभुनाथ की पत्नी), तनुश (प्रभुदयाल के बेटे), एम सादिक (आरक्षक, जहांगीराबाद), एम क़ासिद (एम सादिक का 7 साल का बेटा), मुकेश सिंह (जहांगीराबाद में आरक्षक), धर्मेंद्र सिंह (जहांगीराबाद थाने में आरक्षक), अलीम खान (टीटी नगर, करोंद बायपास), महेश (टीटी नगर थाना), सौरभ (टीटी नगर थाना), अहसान (हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी), गिरीश (मालवीय नगर) हैं।
फिलहाल, यहां तीन थानों- ऐशबाग, जहांगीराबाद और टीटी नगर से पुलिसकर्मियों में कोरोना पाया गया है। ऐसे में इन थानों में पदस्थ 271 पुलिसकर्मियों को घर की बजाय होटल में रुकने का ऐलान कर दिया गया है। बता दें कि ऐशबाग थाना में 76, जहांगीराबाद थाना में 101 और टीटी नगर थाना में 94 ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें होटल में ठहराया जा रहा है।
जहांगीराबाद थाने के 6 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। माना जा रहा है यहां की बड़ी मस्जिद से, जहां से चार जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, वहां से ही इन पुलिसकर्मियों में संक्रमण फैला है। हालांकि, भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े मान रहे हैं कि पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने की बड़ी वजह उनका फ्रंटलाइन में रहकर काम करना है।
तरुण पिथोड़े ने कहा, "इसका मुख्य कारण यह है कि लोग फ्रंटलाइन में रहकर पूरा अपना प्रयास कर रहे हैं। चाहे पुलिसकर्मी हो, स्वास्थ्यकर्मी हो, रेवेन्यू ऑफिसर हो या नगर निगम के कर्मचारी हो, यह बिल्कुल सामने रहकर अपना काम कर रहे हैं। जो बाहर से कुछ लोग आए थे, विशेष वह लोग, जो लॉकडाउन के पहले आकर साथ में रहे हैं, उससे यह संक्रमण फैला है। कुछ लोग दिल्ली जाकर, जो लौटे हैं और इसी के कारण उनमें कुछ ज्यादा संक्रमण भी आया है।"
उन्होंने कहा, "कहीं ना कहीं कोई टच में आ गया है, उससे यह बाकी लोगों में स्प्रेड हुआ है। प्रयास पूरे किए गए हैं। एहतियात बरती जा रही है और उसी एहतियात के कारण विदेश से लौटे हुए 3000 से ज्यादा लोग हैं, उनमें से किसी में भी संक्रमण नहीं फेल पाया है।" उन्होंने कहा, "एक अच्छी बात है कोई बहुत गंभीर नहीं है। सब को इलाज मिल रहा है। सबका ख्याल रखा जा रहा है और सब को पूरी तरह से सुरक्षित रखने का प्रयास है।"
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पुलिस के जज्बे को सलाम करते नजर आए। उन्होंने कहा, "बेटा-बेटी को हाथ नहीं लगा पा रहे मेरे मध्य प्रदेश में कई ऐसे साथी हैं, चाहे वह डॉक्टर हो, मेडिकल स्टाफ हो और इसके साथ ही अन्य विभागों के लोग हो, सफाईकर्मी हो, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हो, राजस्व अमला हो, घर नहीं जा रहे हैं। परिवार से नहीं मिल रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "भोपाल में हमारे पुलिस के साथी ही पूछताछ करते-करते संक्रामित हो गए, जिंदगी जोखिम में डाली अस्पताल से बैठकर ही मोबाइल पर निर्देश दे रहे हैं। यह हमारे असली हीरो हैं, इनके जज्बे को मैं प्रणाम करता हूं।" सीएम ने कहा, "मध्य प्रदेश में हमने स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा भी ऐसे हमारे साथियों के लिए 50 लाख का सुरक्षा चक्र उपलब्ध कराया है।"