चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एक ऐसे ‘अनजाने दुश्मन’ के साथ ‘जंग लड़ने’ जैसा है जो रोज नयी जटिलताएं और चुनौतियां खड़ी करता है। इस संकट से उबरने के राज्य के संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन-95 मास्क सहित तमाम जीवन-रक्षक उपकरणों की खरीद और पृथक वास के लिए वार्ड तैयार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह तक पंजाब में 79 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और सात लोग की संक्रमण से मौत होने की सूचना है। ई-मेल के माध्यम से दिए गए साक्षात्कार में सिंह ने पीटीआई (भाषा ) से कहा कि राज्य में प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां कोविड-19 का खतरा भी ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में और एक दिक्कत यह आ रही है कि पिछले एक-दो महीने में बड़ी संख्या में एनआरआई और विदेशी नागरिक यहां आए हैं। उनकी पहचान करना, उनका पता लगाना और जांच आदि करना बड़ा काम है।’’ सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार घोषणा कर चुकी है कि यदि कोई एनआरआई अपनी विदेश यात्रा की जानकारी नहीं देता है तो उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘उड़ानें निलंबित होने से पहले मोहाली और अमृतसर हवाई अड्डों तथा अटारी-वाघा सीमा और डेरा बाबा नानक रास्तों से आए 95,000 यात्रियो में से ज्यादातर का पता लगा लिया गया है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘केन्द्र ने हमें 55,000 लोगों की सूची भेजी है जो दिल्ली में उतरे थे, उन सभी को भी पृथकवास में रखा गया है। ज्यादातर मामलों में व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की पहचान भी कर ली गयी है, लेकिन कुछ मामले ऐसे हो सकते हैं जिनमें लोग सूचनाएं छुपा रहे हैं, विदेश यात्रा या संपर्क में आने से जुड़ी जानकारी नहीं दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों सहित कोविड-19 की रोकथाम में सीधे-सीधे जुटे लोगों के लिए सुरक्षा उपकरणों की खरीद कर रही है।
सिंह ने कहा, ‘‘हमें जहां से मिल रहा है, वहां से उपकरण खरीद रहे हैं, लेकिन हर जगह कमी है। हम देश में विकसित सामान का परीक्षण कर रहे हैं और उनका उत्पादन कर रहे हैं। लेकिन यह आसान काम नहीं है।’’ स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य की तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फिलहाल पृथक वास के लिए 2,500 बिस्तर उपलब्ध हैं और अगले कुछ दिन मे हम इनकी संख्या बढ़ाकर 20,000 करने वाले हैं। सिंह ने कहा, ‘‘हम 1.65 लाख पीपीई किट खरीद रहे हैं, जिनमें से करीब आधे हमें प्राप्त हो चुके हैं। एक लाख एन-95 मास्क और तीन परतों वाले 42 लाख मास्क की खरीद की जा रही है, इनमें से आधे से ज्यादा हमें मिल चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि निजी उद्योग भी पीपीई किट और मास्क का निर्माण कर इसमें योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों के पास फिलहाल करीब 500 वेंटिलेटर हैं। लेकिन सिंह ने यह भी कहा कि राज्य के पास कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने के लिए पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं हैं। कोरोना वायरस संकट से राज्य को होने वाले आर्थिक नुकसान की बात करते हुए सिंह कहते हैं, ‘‘फिलहाल हमारे पास राजस्व का कोई स्रोत नहीं है, केन्द्र के पास हमारा जीएसटी बकाया (6,752 करोड़ रुपये) फंसा हुआ है। मेरे वित्त मंत्री का कहना है कि अप्रैल अंत आते-आते हम 5,000 करोड़ रुपये के नुकसान में होंगे।’’