बेंगलुरु (कर्नाटक): सोशल मीडिया पर पब्लिक में छींकने की अपील करने वाले मुजीब मोहम्मद के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बेंगलुरु पुलिस की अपराध शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर संदीप पाटिल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, "पोस्ट डालने वाले व्यक्ति ने कहा कि लोगों को बाहर जाना चाहिए और छींकना चाहिए तथा वायरस को फैलाना चाहिए। इस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। इसका नाम मुजीब है, जो एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।"
युवक ने एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रोफाइल फोटो अपडेट करते हुए उसके कैप्शन में लिखा था, "चलो हाथ मिलाते हैं। बाहर जाइए, खुले मुंह से पब्लिक के बीच छींकिए। वायरस को फैलाइए।" युवक की इस अपील पर कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु पुलिस की अपराध शाखा ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उसे हिरासत में लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई तब की, जब देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के तौर पर लॉकडाउन लागू है।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (24 मार्च) की रात आठ बजे ऐलान किया था कि रात 12 बजे (यानि 25 मार्च) से देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लागू किए गए इस लॉकडाउन का आज तीसरा दिन है। देश के तमाम हिस्सों में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है और जहां लोग लापरवाही बरत रहे हैं, वहां प्रशासन एक्शन ले रहा है।
बता दें कि कर्नाटक के तुमकुर में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमित 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के साथ राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या तीन हो गई। जिले के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति ने विदेश यात्रा नहीं की थी, वह इस माह के प्रारंभ में ट्रेन से दिल्ली गया था और वहां से लौटकर आया। बता दें कि राज्य में इससे पहले 70 साल की महिला एवं 76 साल के एक पुरुष की कोविड-19 के चलते मौत हो गयी थी।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीमालु ने तीसरी मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि इस व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हुई है। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने और घरों में रहने की अपील की। वहीं, राज्य सरकार ने कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर किसी भी संकट से निपटने की तैयारी के तौर पर जिला प्रशासनों को सामाजिक कल्याण विभाग के तहत आने वाले आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों को पृथक केंद्र के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कहा है।
उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने एक बयान में कहा, ‘‘जरूरत पड़ने पर इन आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों को जिला प्रशासन बिना किसी अतिरिक्त लागत के पृथक केंद्र में बदल सकता है।’ सामाजिक कल्याण विभाग के प्रभारी मंत्री करजोल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश के चलते आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों में कोई छात्र नहीं रह रहा है तथा इनका पृथक केंद्र के मकसद से इस्तेमाल किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि जिले और तालुकों में सभी आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों में काफी जगह है और कमरे, रसोई, शौचालय, बाथरूम, पुस्तकालय जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि ये ज्यादातर घनी आबादी वाले इलाकों से दूर बने हुए हैं। बता दें कि कर्नाटक में बृहस्पतिवार तक कोविड-19 के 55 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुकाबित, शुक्रवार सुबह तक भी कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 55 ही थी।