पटना. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के कारण बिहार सरकार ने राज्य के शहरी इलाकों में 'लॉकडाउन' की घोषणा कर दी है, लेकिन इस घोषणा के बाद सोमवार को पटना के मीठापुर स्थित बस अड्डे पर गांव जाने वालों की भारी भीड़ जमा हो गई। पहले दिन बस अड्डे पर यात्री बसों की छत पर सवार होकर रवाना हुए। इसके बाद हालांकि प्रशासन ने सख्ती प्रारंभ की। पटना के सबसे बड़े बसअड्डा मीठापुर बस स्टैंड में सोमवार को राज्य के बाहर से आए लोगों और पटना से गांव जाने वालों की काफी भीड़ जुट गई। लोग अपने घर पहुंचने के लिए परेशान दिखे।
इस बीच जिला प्रशासन ने भी लोगों को घर भेजने का जिम्मा उठाते हुए कुछ बसों की व्यवस्था की, लेकिन उसमें भेड़-बकरियों की तरह यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर ले जाया गया। पटना के एक अधिकारी ने कहा कि भीड़ के कारण कुछ बसों का इंतजाम सोमवार को कराया गया है, लेकिन मंगलवार से एक भी बस नहीं चलेगी। इस क्रम में पटना में भी सड़कों पर लोग बेवजह निकलते दिखे, जिससे सड़कों पर भीड़ जुट गई।
इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाई और लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। सड़कों पर लोगों की जांच की जाने लगी। पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन का उल्लंघन करनेवाले 50 ऑटो को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ निजी कार्यालयों के भी खुलने की सूचना मिली है, उसकी जांच करवाई जा रही है।
इससे पहले आयुक्त ने उच्चस्तरीय बैठक कर लॉकडाउन के आदेश का सशक्त एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने तथा उल्लंघन करने वालों पर विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा, "आटो, ई-रिक्शा एवं बस चलाने पर उसे जब्त किया जाएगा। लॉकडाउन को सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की जा रही है।"
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए और भीड़ कम करने के उद्देश्य से राज्य के शहरी इलाकों में 31 मार्च तक 'लॉकडाउन' कर दिया है। इस दौरान निजी प्रतिष्ठानों, निजी कार्यालयों एवं सार्वजनिक परिवहन को पूर्णत: बंद किया गया है, लेकिन आवश्यक एवं अनिवार्य सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठानों को बंद से छूट है।