नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़, लद्दाख, मणिपुर और मेघालय सहित नौ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि अभी तक दमन एवं दीव, सिक्किम, नगालैंड और लक्षद्वीप में कोविड-19 का एक मामला सामना नहीं आया है। कोविड-19 से निपटने में पंजाब की तैयारियों की हर्षवर्धन ने समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि देशभर में बुधवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 74,281 मामले सामने आए हैं और पिछले 14 दिनों में मामलों के दोगुनी होने की दर 11 थी, जिसमें बीते तीन दिनों में और अधिक सुधार आया और 12.6 हो गई। कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 2,415 हो गई है। बुधवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 122 लोगों की मौत हुई, जबकि संक्रमण के 3,525 नये मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 74,281 हो गये।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत और स्वस्थ होने की दर 32.8 प्रतिशत है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ.एस के सिंह ने पंजाब में कोविड-19 मामलों की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि 12 मई तक 22 जिले इस महामारी से प्रभावित थे, जबकि राज्य में कुल मामलों की संख्या 1,913 है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक लुधियाना, जालंधर और पटियाला, ये तीन जिले ‘रेड जोन’ में हैं। कुल 43,999 नमूने एकत्र किये गये हैं, जबकि संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने की दर 4.3 प्रतिशत है। सिंह ने कहा कि पंजाब में कोविड-19 के मामलों में महाराष्ट्र के नांदेड़ हुजूर साहिब से लौटे तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक है। कुल 4,216 में 1,225 की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राज्य के समक्ष एक और चुनौती देश के विभिन्न हिस्सों से लौट रहे करीब 20,521 प्रवासी कामगारों के लौटने से है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में बुधवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 से 32 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 1,914 मामले सामने आ चुके हैं। बयान के मुताबिक हर्षवर्धन ने बैठक के दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराना, संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना, निरूद्ध क्षेत्र में समूची आबादी की जांच करना और आवश्यक वस्तुओं को घर-घर पहुंचाने जैसे पंजाब सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों की सराहना की।
उन्होंने राज्य से अप्रभावित इलाकों में एसएआरआई और आईएलआई जांच और अधिक कराने का भी अनुरोध किया। साथ ही, गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे कि टीकाकरण अभियान, टीबी के मामलों का पता लगाना एवं उनका उपचार करना, डायलिसिस रोगियों को खून चढ़ाने की व्यवस्था करना, कैंसर रोगियों की मदद और गर्भवती महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित करने को भी कहा।
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘उपलब्ध आंकड़ों से संकेत मिलता है कि क्लीनिकों में टीबी के मामलों का पता चलने की संख्या में कमी आई है, राज्य को इस क्षेत्र को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।’’ हर्षवर्धन ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य में लौट कर आ रहे सभी लोगों के लिये आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य किया जाए। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) जारी रही और गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई। सिद्धू ने कहा कि नांदेड़ साहिब से लौट रहे तीर्थयात्रियों की जांच की जा रही है और उन्हें पृथक-वास में रखा जा रहा है ।
प्रधान स्वास्थ्य(स्वास्थ्य) सचिव अनुराग अग्रवाल ने कहा कि मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिये पड़ताल भी की गई, जिसमें पता चला कि पंजाब में हुई मौतों में एक बड़े हिस्से के मरीजों को पहले से कोई न कोई गंभीर बीमारी थी, जबकि 85 प्रतिशत रोगियों में कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मंगलवार तक कोविड-19 के 2.75 प्रतिशत मरीज आईसीयू में थे, 0.37 प्रतिशत वेंटिलेटर पर थे, जबकि 1.89 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि देश में प्रतिदिन जांच क्षमता बढ़ कर एक लाख जांच हो गई है। अब तक कुल 18,56,477 जांच की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की पंजाब के साथ बैठक विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा रेड जोन के जिलाधिकारियों के साथ होने वाली चर्चा की श्रृंखला का हिस्सा थी।