नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने कोविड-19 से संबंधित निगरानी, नियंत्रण और सावधानी के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संक्रमण की रोकथाम के कड़े उपाय करना, विभिन्न गतिविधियों पर SOPs जारी करने और भीड़ को नियंत्रण रखना अनिवार्य होगा। MHA की नई गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्थानीय जिला, पुलिस और नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। आदेश में कहा गया कि राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकार संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी प्रकार का स्थानीय लॉकडाउन लागू करने के पहले राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को केंद्र से अनुमति लेनी होगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 की स्थिति की निगरानी के लिए जारी नए दिशा-निर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे। नई गाइडलाइंस का मुख्य फोकस कोरोना वायरस के संक्रमण पर पाए गए काबू को मजबूत करना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों/एसओपी की निगरानी, नियंत्रण और सख्त से नियमों के पालन पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिला, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया गया है। इसके साथ ही बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए केंद्र शासित राज्य अपने आकलन के आधार पर स्थानीय प्रतिबंध लगा सकते हैं।
गृह मंत्रालय ने कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जाहिर की। इस पर मंत्रालय में आदेश में कहा कि कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हाल में मामलों में बढ़ोतरी के चलते इस बात पर जोर दिया जाता है कि सावधानी बरतने की जरूरत है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को सूक्ष्म स्तर पर गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए डेमोकेशनऑफ जोन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कंटेनमेंट जोन की सूची संबंधित जिला कलेक्टरों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वेबसाइटों पर डाली जाएगी और यह सूची गृह मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी।
कंटेमेंट जोन में चिकित्सा आपात स्थिति, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति होगी, जबकि बाहर के लोगों की आवाजाही नहीं होगी। गठित निगरानी टीमों द्वारा घर-घर निगरानी की जाएगी। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण किया जाएगा। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को 14 दिनों के लिए क्वांरटीन रहना होगा और उसके संपर्क में आने वाले 80 प्रतिशत लोगों का 72 घंटे में पता लगाया जाएगा। COVID-19 रोगियों को जल्द ही उपचार सुविधाओं/घर (घर क्वारंटीन दिशानिर्देशों को पूरा करने के अधीन) में सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें कोरोना वायरस के उचित व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए और फेस मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी। फेस मास्क पहनने की मुख्य आवश्यकता को लागू करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपयुक्त जुर्माना लगाने पर विचार कर सकते हैं। सार्वजनिक और कार्य स्थलों में फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। भीड़-भाड़ वाली जगहों, विशेषकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और सार्वजनिक परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एक SOP जारी करेगा, जिसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा। आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता रहेगा।
घर में रहें बुजुर्ग और बच्चे, एक-राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर कोई पाबंदी नहीं
कमजोर व्यक्तियों, अर्थात 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है। पड़ोसी राज्यों के साथ क्रॉस लैंड-बॉर्डर व्यापार के लिए व्यक्तियों और वस्तुओं पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के लिए कोई अलग से अनुमति/ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।