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बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे, सीमावर्ती जिलों में आपदा राहत केंद्र स्थापित

बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं जिनके रहने , भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 29, 2020 23:02 IST
Coronavirus: Migrant workers from other states started arriving in Bihar, disaster relief centers se
Coronavirus: Migrant workers from other states started arriving in Bihar, disaster relief centers set up in the border districts

पटना: बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं जिनके रहने, भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नयी दिल्ली के स्थानिक आयुक्त को रविवार को निर्देश दिया कि अन्य राज्यों में लॉकडाउन में फंसे बिहार के लोगों को भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो, इस पर पैनी नजर रखें तथा सभी राज्यों के लिये अलग-अलग एक नोडल आफिसर बनायें और उनके साथ बेहतर समन्वय रखें ताकि लोगों को ठीक से मदद की जा सके। मुख्यालय कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नीतीश ने यह भी निर्देश दिया कि जिन राज्यों से समन्वय स्थापित हो चुका है, वहां बिहार के फंसे लोगों से फीडबैक भी प्राप्त किया जाय। 

उन्होंने मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को भी निर्देश दिया है कि वे अन्य राज्यों में से बिहार के लोगों के संबंध में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुये यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा में कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये आवश्यक कदम उठा रही है लेकिन इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है। इसके लिये जो जहां हैं, सोशल डिस्टेंसिंग को अपनायें। आप सब लोग अपने घर के अंदर रहें, अनावश्यक बाहर न निकलें। 

उन्होंने लोगों से कहा '' मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से हम सब मिलकर इस चुनौती का सफलतापर्वूक सामना करने में सक्षम होंगे। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के बाहर से आ रहे लोगों के लिये सीमावर्ती जिलों में राज्य सरकार के द्वारा सीमा आपदा राहत केन्द्र संचालित किये गये हैं, जहां इनके रहने, भोजन एवं स्वास्थ्य जाँच आदि की व्यवस्था की गयी है। विभाग के अनुसार स्वास्थ्य जाँच एवं भोजन कराने के पश्चात इन्हें सरकार के द्वारा बसों के माध्यम से उनके गांव से संबंधित जिला मुख्यालय तक पहुंचाया जाएगा, जहां से सरकारी वाहन के द्वारा इन्हें उनके गाँव के स्कूलों तक ले जाया जाएगा एवं क्वॉरन्टीन में 14 दिनों तक रखा जाएगा। 

विभाग के अनुसार अनुपालन के लिए संबंधित प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, मुखिया, सरपंच, पंच एवं अन्य सरकारी कर्मियों को निर्देश दिया गया है। अबतक 25000 से अधिक लोगों को उनके गाँव के विद्यालय तक पहंचा दिया गया है, जहाँ उन्हें क्वॉरन्टीन में 14 दिनों तक रखा जायेगा। विभाग के मुताबिक राज्य के शहरी इलाकों में फंसे हुए अन्य राज्य के निवासियों अथवा राज्य के निर्धन, निराश्रित आदि व्यक्तियों के लिये कुल 94 आपदा राहत केंन्द्र संचालित किये गये, जिसमें ठहरने के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था की गयी है। उक्त आपदा राहत केन्द्रों में लगभग 6700 लोगों को भोजन कराया गया है। आपदा राहत केन्द्रों में आपसी मेलजोल से परहेजे का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया। 

नीतीश ने शनिवार को कहा था कि विशेष बसों से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा था कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। उन्हेांने कहा था कि जो जहां हैं उनके लिये रहने खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है, ऐसे में यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। नीतीश ने सुझाव दिया था कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर से हजारों की संख्या में लोगों के अपने घर जाने के लिए पैदल निकलने को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा-गाजियाबाद में 200 बसों का इंतजाम किया था।

नीतीश ने कहा था कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो सकती है। मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों यथा- पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के जिलाधिकारियों से त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया गया था। बिहार में अबतक कोरोना वायरस के करीब 700 संदिग्ध सैंपल की जांच की जा चुकी है जिसमें से अबतक 15 पाज़िटिव पाए गए हैं और एक मरीज की मौत हो चुकी है।

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