भोपाल: कोरोना वायरस के कहर से बुरी तरह जूझ रहे मध्य प्रदेश में 9 रेड जोन चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 19 ऑरेंज जोन और 24 ग्रीन जोन को चिन्हित किया गया है। मध्य प्रदेश के बारे में एक तथ्य यह भी है कि उसके अधिकांश मामले इंदौर और भोपाल तक ही सीमित हैं, इसलिए प्रदेश में ग्रीन जोन की संख्या रेड और ऑरेंज जोन के मुकाबले ज्यादा है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उनके प्रदेश के रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के बारे में जानकारी दी है।
रेड जोन में इंदौर और भोपाल समेत कई बड़े शहर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, धार, ईस्ट निमाड़, बड़वानी, देवास और ग्वालियर रेड जोन में हैं। बता दें कि इन इलाकों में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप है। देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा कई बार जीतने वाले इंदौर की तो हालत बेहद बेहद खराब है, और यहां अब तक 1500 से भी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस वायरस के चलते 72 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। सूबे की राजधानी भोपाल में भी हालात काफी बुरे हैं और यह शहर अभी भी कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है।
ऑरेंज जोन में शामिल हैं कुल 19 इलाके
वहीं, ऑरेंज जोन की बात करें तो खरगौन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, अगर मालवा, मंदसौर, सागर, शजापुर, छिंदवाड़ा, अलीराजपुर, टीकमगढ़, शहडोल, श्योपुर, डिंडोरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतुल, विदिशा और मुरैना पड़ते हैं। ऑरेंज जोन उन इलाकों को कहा गया है जहां संक्रमण के मामले सामने तो आए हैं, लेकिन हालात ठीक भी हो रहे हैं। इन इलाकों के जल्दी ही ग्रीन जोन में तब्दील हो जाने की उम्मीद रहती है। मध्य प्रदेश में कुल 19 ऑरेंज जोन हैं और यदि हालात ठीक रहते हैं तो जल्द ही इन इलाकों के ग्रीन जोन में पहुंचने की उम्मीद की जा सकती है।
ग्रीन जोन में सबसे ज्यादा 24 इलाके
ग्रीन जोन में सूबे के रीवा, अशोकनगर, राजगढ़, शिवपुर, अनूपपुर, बालाघाट, भिंड, छतरपुर, दामोह, दतिया, गुना, झाबुआ, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, सतना, सीहोर, सिवनी, सिधी, उमरिया, सिंगरौली और निवाड़ी शामिल हैं। ग्रीन जोन से तात्पर्य उन इलाकों से है जिन्हें यह महामारी छू भी नहीं पाई है। ऐसे इलाके इस दुनियाभर में कहर मचाने वाली इस महामारी से अभी तक अछूते हैं। सरकार की कोशिश यह भी है कि ग्रीन जोन में किसी भी कीमत पर वायरस का प्रसार न हो। इसके लिए सरकार की तरफ से तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं।