नयी दिल्ली: मोदी सरकार ने 14 अ्रप्रैल को लॉकडाउन के संभावित विस्तार के दौरान कुछ प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहा है। देश में इस कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है जो 14 अप्रैल को पूरा हो जाएगा। इस बीच लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार कोई फैसला करे, उससे पहले आज से केंद्रीय मंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारी ने अपना कामकाज दफ्तर से ही शुरू कर दिया। सभी केन्द्रीय मंत्रियों को आज से अपने-अपने कार्यालयों से काम शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है।
सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम शुरू करें। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार सरकार कोविड-19 के हॉस्पॉट और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।
अब जब 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म हो रहा है और अधिकतर राज्यों ने इसे बढ़ाने की मांग की है तो ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि लॉकडाउन-पार्ट 2 में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं जिसमें किसानों, इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत भी हो सकती है। यही कारण है कि राज्य सरकारों से खेती के क्षेत्र में कुछ ढिलाई देने की इजाजत दी गई है।
वहीं उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वह भारी इलेक्ट्रिकल्स और दूरसंचार उपकरण जैसे क्षेत्रों में एहतियाती उपायों के साथ सीमित स्तर पर काम शुरू करने की अनुमति दे। विभाग ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहा है कि आर्थिक स्थिति में सुधार और लोगों के हाथ में नकदी पहुंचाने के लिये ये गतिविधियां जरूरी हैं।
पत्र में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार अगर लॉकडाउन (बंद) अवधि बढ़ाने और उसकी प्रकृति के बारे में अगर कोई अंतिम निर्णय करती है तो उपयुक्त सुरक्षात्मक उपायों के साथ कुछ और गतिविधियों को अनुमति दी जानी चाहिए।’’ विभिन्न राज्यों और उद्योग मंडलों के साथ विस्तृत बातचीत के बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर निकालने की योजना के तहत यह सुझाव दिया गया है।
विभाग ने सुझाव दिया है कि जिन उद्योगों को कामकाज की अनुमति दी जा सकती है, उनमें एक ही जगह से कर्मचारियों का प्रवेश, सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिये पर्याप्त जगह, कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिये अलग-अलग परिवहन व्यवस्था या कारखाना परिसरों में रहने के इंतजाम और परिसर में बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्य और जिला प्राधिकरणों को इन गतिविधियों की अनुमति देते समय इन शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।