तिरुवनंतपुरम: केरल में शुक्रवार को कोविड-19 के 1984 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 11 लाख से अधिक हो गए। नए मरीजों में ब्रिटेन से लौटा एक व्यक्ति भी शामिल है। राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 25,158 है। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि राज्य में 1,965 और लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं, जिससे अब तक ठीक हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 10,70,343 हो गई। संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 11,00,624 है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोपहर दो बजे समाप्त होने वाले पिछले 24 घंटों में, 53,184 कोरोना वायरस नमूनों की जांच की गई और जांच संक्रमण दर 3.73 प्रतिशत है। राज्य में अब तक 1,25,58,269 नमूनों की जांच हुई है। कोझिकोड में सबसे अधिक 261 मामले सामने आए, उसके बाद त्रिशूर में 203, एर्नाकुलम में 185, कन्नूर में 180, जबकि इडुक्की में सबसे कम 45 मामले सामने आए। बीमारी से 17 और मौतें होने से राज्य में मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 4,467 हो गई। नए मरीजों में 15 स्वास्थ्य कर्मी हैं।
वहीं भारत में एक दिन में कोविड-19 के 39,726 नए मामले सामने आए जो इस साल एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं। देश में इस वैश्विक महामारी के मामलों की संख्या 1,15,14,331 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के मामलों में लगातार नौवें दिन वृद्धि हुई है। देश में अब भी 2,71,282 मरीज इलाज करा रहे हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.36 प्रतिशत है जबकि इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या गिरकर 96.26 प्रतिशत रह गई है।
सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में आए 39,726 मरीजों की संख्या 110 दिनों में सबसे अधिक है जबकि 154 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,59,370 हो गई है। इससे पहले 29 नवंबर को 24 घंटों में संक्रमण के 41,810 नए मामले सामने आए थे। आंकड़ों के मुताबिक इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,10,83,679 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत हो गई है।
भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख से पार चले गए थे। वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 18 मार्च तक 23,13,70,546 नमूनों की जांच की जा चुकी है।