नई दिल्ली: कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी द्वारा कोरोना वायरस को देखते हुए 22 मार्च को "जनता कर्फ्यू" के आव्हान का समर्थन किया और लोगों से इसमें सहभागी बनने की अपील की। सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, "कोरोना से जंग और संक्रमण से बचने के लिए प्रधानमंत्री जी के आव्हान का मैं समर्थन करता हूं। साथ ही मध्य प्रदेश और देश के सभी नागरिकों से निवेदन करता हूँ कि 22 मार्च को पीएम मोदी द्वारा सुझाए गए "जनता कर्फ्यू" में सहभागिता कर इस संक्रमण के विरुद्ध देश की जंग में अपना योगदान दें।"
दरअसल, देश में कोरोना वायरस के मामले धीरे-धीरे बढ़ते ही जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह तक देशभर में कोरोना वायरस के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 195 तक पहुंच गया है। एक दिन में ही इस आंकड़े में 22 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़ा जारी किया था कि गुरुवार शाम तक देशभर में कोरोना वायरस के कुल 173 मामल हैं। जबकि, अब शुक्रवार की सुबह इसे बढ़ाकर 195 कर दिया गया है। इन कुल 195 मरीजों में 163 भारतीय हैं जबकि 32 विदेशी नागरिक हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के कुल 195 कोरोना वायरस के मामलों में 20 ऐसे मामले हैं, जिनके मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, 4 लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर के कुल 20 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं, जहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक कुल 47 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद केरल में 28, उत्तर प्रदेश में 19, हरियाणा में 17, दिल्ली में भी 17, कर्नाटक में 15 और लद्दाख में 10 मामले सामने आए हैं। बाकी मामले देश के अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हैं।
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की रात 8 बजे देश को संबोधित कर "जनता कर्फ्यू" का आव्हान किया। उन्होंने जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुबह सात से रात नौ बजे तक देशहित में लोग इस दिन बाहर न निकलें। उन्होंने कहा, "22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे। ये कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।" उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से निपटने में एक ही मूलमंत्र- 'हम स्वस्थ तो जगत स्वस्थ' को ही कारगर बताया।