नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस को लेकर जो लॉकडाउन किया गया है, उसका अगर सख्ती से पालन होता है तो 15-20 अप्रैल के बीच भारत में कोरोना वायरस के संकट को काबू में पाया जा सकता है, चीन में काम कर रहे भारतीय मूल के डाक्टर संजीब चौबे ने यह जानकारी दी है। डॉक्टर दूबे ने इंडिया टीवी को बताया कि चीन में इस समय कोरोना वायरस का संकट पांचवी स्टेज तक पहुंच गया है और स्थति वहां पर अभी काबू में है, भारत ने भी कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए लॉकडाउन किया हुआ है और इसका अगर सख्ति से पालन होता है तो भारत में केस ज्यादा नहीं बढ़ेंगे और पांचवी स्टेज तक पहुंचने तक यह काबू में आ जाएगा।
चीन में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर संजीव चौबे ने बताया कि जिस रफ्तार से भारत में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं और भारत ने इसे रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं, उन सभी को ध्यान में रखा जाए तो मार्च अंत तक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 500 से 1000 के बीच रह सकता है, बशर्ते लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो।
डॉक्टर चौबे ने बताया की चीन में लोग भारतीयों के मुकाबले ज्यादा अनुशासित हैं और वहां पर सरकार ने कोरोना वायरस को काबू करने के लिए जो कदम उठाए हैं उनका वहां की जनता ने अनुशासन के साथ पालन किया है और भारत में भी अगर कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है तो लोगों को सरकार के नियमों का उसी तह से पालन करना होगा।
डॉक्टर चौबे ने इंडिया टीवी को बताया कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अभी तक जो भी कदम उठाए हैं वे बहुत ही सकारात्मक कदम हैं और सही समय पर उठाए गए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि भारत की जनता ने कई जगहों पर सरकार को नियमों को मानने के लिए वैसा अनुशासन नहीं दिखाया है जैसा अनुशासन चीन की जनता ने दिखाया है। डॉक्टर संजीव चौबे ने 22 मार्च के जनता कर्फ्यू का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन 5 बजे तक भारत में ज्यादातर लोग घरों के अंदर थे लेकिन 5 बजे के बाद जश्न मनाने के लिए घरों से बाहर आ गए जो अच्छा कदम नहीं था।