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Coronavirus के कारण ईरान में फंसे 900 भारतीय मछुआरे भुखमरी के कगार पर

कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया में तीसरे देश ईरान में फंसे लगभग 900 मछुआरे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, और उन्होंने भारत सरकार से जान बचा लेने की गुहार लगाई है।

Reported by: IANS
Published : March 23, 2020 18:59 IST
Indian Fishermen
Indian Fishermen

तेहरान/नई दिल्ली: कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया में तीसरे देश ईरान में फंसे लगभग 900 मछुआरे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, और उन्होंने भारत सरकार से जान बचा लेने की गुहार लगाई है। लेकिन सरकार की तरफ से इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। ईरान में फंसे इन मछुआरों में से 700 मछुआरे अकेले तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के हैं। इनमें से 200 मछुआरों की हालत बहुत अधिक दयनीय हो गई है, क्योंकि ये लोग कोरोनावायरस से तो दूर हैं, लेकिन उन्हें जिंदा रहने के लिए न्यूनतम राशन भी नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते उनकी हालत दिनोदिन खराब होती जा रही है।

इनमें से जेनिश नामक एक मछुआरे ने सोमवार को आईएएनएस को फोन पर बताया, "अगर हम लोगों को जल्द से जल्द ईरान से नहीं निकाला गया तो कोरोना से तो नहीं, हां, भूख से हम लोग जरूर दम तोड़ देंगे।" मछुआरों के संगठन नेइथाल एलुची परैवाई ने ईरान में फंसे तकरीबन आठ सौ मछुआरों के नाम, पासपोर्ट नंबर और टेलीफोन नंबर समेत पूरी सूची भेजी है, जिनमें कन्या कुमारी के अलावा 200 लोग केरल और देश के दूसरे राज्यों के निवासी हैं। यह सूची आईएएनएस के पास उपलब्ध है।

मछुआरों के संगठन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को दो मार्च को पत्र लिखकर मदद मांगी थी, और ईरान में फंसे 900 भारतीय मछुआरों को तत्काल भारत वापस लाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार अभी तक इन मछुआरों के लिए कुछ नहीं कर पाई है।

नेइथाल एलुची परैवाई के अध्यक्ष जॉन लेओनार्ड और सचिव सागर विंसेंट की तरफ से जयशंकर को लिखे गए पत्र में मानवीय आधार पर ईरान में फंसे मछुआरों पर ध्यान देने और उन्हें तत्काल निकालने की अपील की गई है। पत्र की प्रति आईएएनएस के पास उपलब्ध है।

ईरान में बढ़ते कोरोना संक्रमण (कोविड-19) का हवाला देते हुए संगठन ने पत्र में कहा है, "मछुआरों के पास बहुत सीमित खाद्य सामग्री बची है और चूंकि सभी खाड़ी देशों की उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं और फिलहाल ईरान से भारत आने के लिए कोई सीधी उड़ान भी नहीं है। लिहाजा, सभी मछुआरों की जान संकट में है। ऐसे माहौल में फंसे हुए भारतीय मछुआरों और देश में रहने वाले उनके परिजन बहुत चिंतित हैं।"

यह पत्र दो मार्च का है, और उस समय मछुआरों के पास खाद्य सामग्री समाप्त हो रही थी, तो 20 दिन बाद उनकी क्या स्थिति होगी, सहज ही समझा जा सकता है।

संगठन ने पत्र में आगे कहा, "हम लोग विदेश मंत्री से विनम्र अनुरोध करते हैं कि तुरंत हस्तक्षेप करते हुए फंसे भारतीय मछुआरों को किसी चार्टर्ड फ्लाइट से वापस स्वदेश लाया जाए या उन्हें निकालने के लिए शिपिंग पोत का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।"

संगठन ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से विदेश मंत्रालय ने चीन, इटली, ईरान और जापान से भारतीयों को निकालने का सराहनीय कार्य किया, उसी तरह ईरान में फंसे भारतीय मछुआरों की भी मदद की जाएगी।

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