नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) में ओपीडी पंजीकरण (बाहृय रोगी विभाग) सेवाओं को अस्थायी तौर पर अगले आदेश तक बंद कर दिया है। इसकी जानकारी एम्स की तरफ से सोमवार को दी गई। एम्स में अब ऑपरेशन और ओपीडी दोनों सेवाएं बंद रहेंगी, केवल आपातकालीन सेवाएं ही चालू रहेंगी।
पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। दिल्ली एम्स के एक अधिकारी के मुताबिक, 'सभी केंद्रों और एम्स अस्पताल के विशेष क्लीनिक समेत नियमित ओपीडी के मरीजों का पंजीकरण 23 मार्च (सोमवार) से अगले आदेश तक अस्थायी तौर पर बंद रखने का फैसला किया गया है।' ओपीडी सेवाएं बंद होने से हजारों मरीजों को तगड़ा झटका लगा है। हांलाकि एम्स का कहना है कि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए ओपीडी सेवा बंद करने का फैसला किया गया है। इससे पहले एम्स प्रशासन रुटीन सर्जरी को बंद कर दिया था। जिन मरीजों ने पहले से इलाज के लिए डॉक्टरों से समय लिया है, उन्हें भी मैसेज भेजकर अप्वाइंटमेंट रद कर उसे आगे बढ़ाने को कहा जा रहा है।
दिल्ली एम्स के प्राइवेट वार्ड में 288 कमरे हैं। इसलिए प्राइवेट वार्ड को भी कोरोना के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है। एम्स ने ट्रॉमा सेंटर में बने न्यू इमरजेंसी सेंटर में भी 20 आइसोलेशन बेड तैयार किए हैं। साथ नवनिर्मित बर्न व प्लास्टि सर्जरी सेंटर में भी कोरोना के इलाज की व्यवस्था की गई है। दिल्ली के सभी बड़े अस्पताल रूटीन सर्जरी बंद कर चुके हैं और ओपीडी पंजीकरण का समय भी घटा दिया है।
गौरतलब है कि एम्स में प्रतिदन करीब 12 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उनके साथ दो-तीन तीमारदार भी होते हैं। इसलिए प्रतिदिन करीब 30 से 40 हजार लोगों की भीड़ पहुंचती है। उसे नियंत्रित करने के लिए एम्स प्रशासन ने यह कदम उठाए हैं। बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी को लॉकडाउन कर दिया गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद समेत 16 जिलों को 25 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत सात जिलों को 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेंगे। अब दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो, बस और ऑटो नहीं चलेंगे। सिर्फ जरुरी काम वाले लोगों को ही इससे छूट मिलेगी।