नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जहां एक तरफ देश झकझोर दिया है वहीं दूसरी तरफ कोरोना को हराने के लिए देश की सेना सरकार और प्रशासन की हर संभव सहायता कर रही है। कोरोना को हराने के लिए सेना की सहायता तभी संभव हो सकी है जब सेना इस बार कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित नजर आ रही है। भारतीय सेना की मेडिकल कोर (AMC) की मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनितकर ने इंडिया टीवी को बताया कि वैक्सीनेशन और अनुशासन की मदद से इस बार भारतीय सेना कोरोना की दूसरी लहर से सुरक्षित नजर आ रही है।
इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनितकर ने बताया कि सेना के लगभग 98-99 प्रतिशत जवान और अधिकारी वैक्सिनेट हो चुके हैं और अधिकतर को वैक्सीन की दोनो डोज लिए हुए 2 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है जिस वजह से सैनिकों के अंदर संक्रमण बहुत कम है और अगर कोई सैनिक संक्रमित हुआ भी है तो उसमें हल्के लक्ष्ण आए हैं और वह आसानी से रिकवर हो गया है।
उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन की वजह से ही कोरोना की दूसरी लहर में भी देश की फौज कोरोना को हराने के लिए डटकर काम कर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनितकर ने इंडिया टीवी को यह भी बताया कि उनके लिए हर्ष का विषय है कि कोरोना की दूसरी लहर में किसी भी फौजी की कोरोना की वजह से मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि सेना पूरी तरह से अनुशासन का पालन करती है और कोरोना को लेकर सरकार ने जो नियम और प्रोटोकॉल निर्धारित किया हुए हैं, सेना उनका सख्ती से पालन कर रही है और इस वजह से भी सेना में सक्रमण न के बराबर है।
लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनितकर ने बताया कि सेना की तरफ से सामान्य नागरिकों के लिए भी काफी संख्या में अस्पताल खोले गए हैं जो पूरी तरह से सिविल कोविड मरीजों का उपचार कर रहे हैं, उन्होने बताया कि दिल्ली में सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में सभी 500 बेड ऑक्सीजन और आईसीयू सुविधा से युक्त हैं और पूरी तरह से सेना उसका संचालन कर रही है, इसी तरह लखनऊ में 400 बिस्तर का असप्ताल और अहमदाबाद में 600 बिस्तर का अस्पताल सेना की देखरेख में चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इन सभी अस्पतालों में सारे सिविल मरीज हैं और फौज के डॉक्टर उनका उपचार कर रहे हैं। इसके अलावा कई राज्यों में जहां जहां सेना को मदद के लिए संपर्क किया गया है वहां पर सेना के अस्पतालों में कुछ बिस्तर सिविल मरीजों के लिए खोले गए हैं।