भरतपुर. राजधानी नई दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से सामने आए चौंकाने वाले मामले के बाद देशभर की सभी राज्य सरकारों की नींद उड़ चुकी है। निजामुद्दीन मरकज से लोग तकरीबन देश के हर राज्य में गए, जिसकी वजह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की आशंका है। अब राजस्थान के भरतपुर जिले में भी मरकज मस्जिदों की जांच शुरू हो गई है। शुरुआती जांच में ही भरतपुर के पहाड़ी इलाके में स्थित मदरसे में 100 लोग मिले हैं। इनसभी को स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया है। बता दें कि भरतपुर के कमा, पहाड़ी व हरियाणा से लगी सीमा में मस्जिदों की तादाद अधिक है। इसलिए यहां जांच शुरू की गई है।
निजामुद्दीन सभा में भाग लेने वाले लोगों में से 24 में कोरोना वायरस की पुष्टि
इस महीने की शुरुआत में निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात के मरकज़ में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया, “आयोजन में भाग लेने वाले सात सौ लोगों को पृथक कर दिया गया है जबकि 335 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।”
जैन ने कहा कि सरकार आयोजन में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों की जांच करवा रही है। मामला सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आई और आयोजन में भाग लेने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। तबलीगी जमात के आयोजन में भाग लेने वाले तेलंगाना के छह और जम्मू कश्मीर के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में एक बड़े क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है। एक से 15 मार्च के बीच दो हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने आयोजन में भाग लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि आयोजन में हिस्सा लेने वाले 1,830 लोगों में से 281 विदेशी थे जिनमें ब्रिटेन और फ्रांस के नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि मरकज के आयोजन में शामिल जिन विदेशी नागरिकों का पुलिस ने पिछले दो दिन में पता लगाया है वे देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
अधिकारियों के अनुसार पिछले एक महीने में विदेशियों समेत कम से कम आठ हजार लोगों ने मरकज के परिसर का दौरा किया और उनमें से अधिकतर या तो अपने मूल स्थान वापस चले गए या देश भर में फैले मरकज के अन्य ठिकानों में रहने लगे जिसके कारण उन राज्यों में संक्रमण फैला। अधिकारियों ने बताया कि वीजा नियमों का उल्लंघन कर तबलीगी जमात के आयोजन में शामिल होने वाले तीन सौ विदेशी नागरिकों को भारत सरकार काली सूची में डाल सकती है। (भाषा)