नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 62 मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 1640 हो गये तथा इसके चलते छह लोगों की मौत हो गयी है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि कुल मामलों में से 1080 वे हैं जिन्हें विशेष अभियान के तहत केंद्रों में लाया गया है। यह संख्या बुधवार के बराबर है। बुधवार की रात राजधानी में घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1578 थी, जिसमें 32 वे लोग भी शामिल थे, जिनकी इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। दिल्ली में छह और लोगों के मरने के साथ ही इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 38 हो गयी है। कुल मामलों में से 51 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।
दक्षिणी दिल्ली में पिज्जा पहुंचाने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अधिकारी अब इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाले सभी कर्मियों की चिकित्सीय जांच कराने पर विचार कर रहे हैं। व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 89 लोगों को घर पर पृथकवास में रखा गया है। पिज्जा पहुंचाने वाले 19 वर्षीय लड़के में 14 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। दक्षिणी दिल्ली के जिलाधिकारी बी एम मिश्रा के अनुसार लड़के ने कुल 72 लोगों के यहां पिज्जा पहुंचाया था जिन्हें घर पर पृथक-वास में रखा गया है।
मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया, “इस घटना के आलोक में हम इस पर विचार कर रहे हैं कि घर पर खाद्य पदार्थ पहुंचाने वाले सभी कर्मियों की चिकित्सीय जांच कराई जाए ताकि जिनमें बीमारी के लक्षण हों उन्हें दूसरों के घरों तक जाने से रोका जा सके।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पिज्जा पहुंचाने वाला लड़का कुछ समय से बीमार था और उसे मार्च के तीसरे सप्ताह से सर्दी जुकाम की शिकायत थी। इसके बाद वह अस्पताल गया, जहां जांच में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मिश्रा ने बताया कि प्राथिमिक तौर पर उसके संपर्क में आने वाले 17 उसके सहयोगियों को छतरपुर स्थित पृथकवास केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मालवीय नगर और हौजरानी समेत दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के 72 लोगों में अभी तक संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं, लेकिन यदि वे चाहेंगे तो उनकी जांच कराई जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि लड़के के संपर्क में आए लोगों को पृथक वास में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अभी यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विदेश यात्रा न करने और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने के बावजूद पिज्जा पहुंचाने वाले लड़के को संक्रमण कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि बूथ स्तरीय दल को पिज्जा पहुंचाने वाले युवक के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की तलाश के लिए लगाया गया है। इस घटना में जिस रेस्तरां से युवक ने पिज्जा पहुंचाया था वह जोमैटो ऑनलाइन सेवा का साझेदार है। जोमैटो कंपनी का इस मामले पर कहना है कि वे खान-पान की वस्तुएं पहुंचाने वाले अपने साझेदारों को स्वच्छता और सुरक्षा का प्रशिक्षण लगातार दे रहे हैं और उन्हें मास्क भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
जोमैटो के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमारी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने वाले पचास हजार से अधिक रेस्तरां ने डिलीवरी करने वालों के लिए सेनिटाईजेशन की व्यवस्था की है। हम सुरक्षा उपायों को और बढ़ा रहे हैं।” बृहस्पतिवार को दिल्ली के कई निवासियों को व्हाट्सएप्प पर संदेश प्राप्त हुआ कि बाहर से खाना मंगाना बंद करें। पूर्वी दिल्ली के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन जॉइंट फ्रंट से जुड़े बी एस वोहरा ने कहा, “हमारा क्षेत्र एक खुली कॉलोनी है इसलिए हम हर आने जाने वाले पर नजर नहीं रख सकते।
हमने व्हाट्सएप्प समूहों में संदेश प्रसारित किया है कि ‘भाई थोड़े दिन घर का बना ही खा लो। फिजूल में पृथक होने का कोई फायदा नहीं है।’” वंदना थापर नामक एक गृहणी ने कहा कि वह अपनी बेटी के लिए बाहर से खाना मंगाती थीं लेकिन पिज्जा पहुंचाने वाले युवक के संक्रमित होने की खबर देखने के बाद अब वह बाहर से खाना नहीं मंगाएंगी। हालांकि डोमिनोज और अन्य बड़े रेस्तरां ने अपने ग्राहकों को सभी सुरक्षा उपाय अपनाए जाने का आश्वासन दिया है।