मुंबई: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई और पुणे समेत महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में सभी कार्यस्थल 31 मार्च तक बंद रहेंगे। ठाकरे ने यहां पत्रकारों ने कहा कि यह बंद मुंबई, मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और नागपुर में लागू होगा। उन्होंने बताया कि सरकारी कार्यालय में 25 प्रतिशत उपस्थिति रहेगी।
महाराष्ट्र में अभी तक कोरोना वायरस के 52 मामले सामने आए हैं और इस सप्ताह मुंबई में एक मरीज की मौत हो गई। ठाकरे ने कहा कि अधिकांश मरीज इन शहरों से हैं और उन्होंने विदेश की यात्रा की थी। टेलीविजन पर दिए संबोधन में ठाकरे ने कहा कि केवल अनिवार्य सेवाएं खुली रहेंगी जिसमें भोजन, दूध और दवाइयां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बैंक भी खुले रहेंगे।
सरकारी कार्यालय में उपस्थिति को बारी-बारी से मौजूदा 50 फीसदी से 25 फीसदी तक किया जाएगा। पहले 50 फीसदी हाजिरी की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री ने मुंबई में सार्वजनिक परिवहन के बंद होने से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेन और बसें शहर की जीवनरेखा है और उन्हें रोका नहीं जा सकता। मुझे यह कदम उठाने की सलाह दी गई। लेकिन ऐसा करने से उन कार्यस्थलों पर आवाजाही प्रभावित होगी जो शहर को आवश्यक सेवाएं मुहैया कराते हैं।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने घरों में रहने की उनके अनुरोध को माना है और ट्रेनों तथा बसों में पहले की तरह भीड़ नहीं है। ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं नियोक्ताओं से यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि बंद की इस अवधि के दौरान उनके कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन दिया जाए।’’
उन्होंने कहा कि केवल मानवता ही सभी मुश्किलों से जीतेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक युद्ध इतना है कि लोगों को जीने के लिए घरों में रहना होगा।