पटना: सनातन धर्म में करीब एक महीने लंबे खरमास के बाद मांगलिक कार्यो की शुरुआत की परंपरा रही है। मंगलवार को खरमास के समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्यो के लिए लग्न शुरू हो गया है, लेकिन इस साल कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण इन मांगलिक कार्यो पर भी 'लॉक' लग गया है। शादी-ब्याह के इस मौसम में अब शादियों की तिथियां रद्द होने लगी हैं।
पटना के राजा बाजार के रहने वाले आनंद कुमार की बहन की शादी दरभंगा के दूल्हे से 21 अप्रैल को होनी थी। इस रिश्ते के लिए सगाई जनवरी में ही हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब सभी बुकिंग रद्द करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा, "शादी की तिथि रद्द कर दी गई। अब आगे की तिथियां खोजी जा रही हैं। अब नवंबर में नया मुहूर्त खोजा जा रह है।"
नवसंवत के उपरांत शहर व गांवों में अनेक शादियां होनी थीं। लॉकडाउन के कारण शहनाई पर ग्रहण लग गया है। अप्रैल, मई और जून महीनों में शादी-विवाह के काफी शुभ मुहूर्त हैं। शादी के लिए शराती-बराती दोनों पक्ष की ओर से तैयारियां भी पूरी हो गई थीं। लेकिन, लॉकडाउन के कारण अधिकांश शादियां टल गई हैं। लगता है, अब शरद ऋतु की लगन में ही शादियां होने की उम्मीद है।
सरकार ने पहले 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि तय की थी। इससे लोगों को आशा थी कि स्थिति सामान्य होने पर किसी तरह शादी निपट जाएगी। लेकिन वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण अब लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में गर्मी में होने वाली अधिकांश शादियां टलने लगी हैं। साथ ही विवाह भवन, होटल, गेस्ट हाउस, हलवाई, सजावट, वाहन, ब्यूटीशियन आदि के आर्डर भी कैंसिल हो रहे हैं।
एक कैटरर सुमन सिंह का कहना कि खरमास समाप्त होने के बाद 14 अप्रैल से शुभ लग्न शुरू हो जाएगा। इस बार अप्रैल, मई और जून में कई वैवाहिक मुहूर्त हैं। कई शादियां पहले से तय हैं, लेकिन इस लॉकडाउन में पहली बार ऐसा होगा कि पटना शहर में शुभ मुहूर्त में भी शहनाइयां नहीं बजेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तो तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ा है, आगे क्या होगा, कोई नहीं जानता।
ज्योतिषाचार्य पं. जय कुमार पाठक कहते हैं कि इस साल अप्रैल, मई जून, नवंबर और दिसंबर में शादी के मुहूर्त हैं। अप्रैल महीने में छह दिन वैवाहिक मुहूर्त है, जबकि मई में 18 दिन। सतुआन यानी खरमास के समाप्त होने के बाद सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाने थे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने और शादियों के टलने के बाद कैटर्स, डेकोरेटर्स, ज्वेलर्स, हलवाई, बैंडबाजा वाले सभी निराश हैं। इन सबकी रोजी-रोटी पर ताला पड़ा हुआ है।
ऑल इंडिया बिहार टेंट एसोसिएशन का मानना है कि एक शादी में टेंट लगाने का काम मिल जाने से कई लोगों का घर चलता है। इस कारोबार से जुड़े सभी लोग सड़कों पर आ जाएंगे। विडंबना यह कि आजकल तो सड़क पर निकलना भी मना है। उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई में होने वाली सभी शादियां रद्द हो गई हैं। हालात देखकर लगता है कि इस साल जून में भी शादियां नहीं होंगी। ऐसे में लग्न के दिनों में अच्छी कमाई की उम्मीद रखने वाले उदास हो गए हैं।