कोलकाता: कोरोना वायरस के खौफ के चलते तमाम लोग अपने पैतृक स्थानों की तरफ लौट रहे हैं। इसी कड़ी में चेन्नई से 7 युवक पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में स्थित अपने गांव पहुंचे। इस गांव में अब युवकों ने पेड़ की डालों पर बनाए गए मचान पर सेल्फ क्वारेंटाइन के तहत 14 दिनों के लिए रहने का फैसला किया है। बताते हैं कि यहां पर अक्सर हाथियों का हमला होता रहता है, इसलिए पेड़ में ऊंची जगह पर इन युवकों के लिए मचान का निर्माण किया गया है।
14 दिन तक क्वारंटाइन नियम का पालन करेंगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के निवासी ये युवक चेन्नई में मजदूरी किया करते थे। ये सभी जिले के बलरामपुर थाना इलाके में पड़ने वाले डांगीही गांव के निवासी हैं। घर में रहने के लिए अलग जगह न होने के चलते इन्होंने पेड़ पर रहने का फैसला किया है। इस तरह ये खुद तो सुरक्षित रहेंगे ही, साथ ही 14 दिन के आवश्यक क्वारंटाइन नियम का भी पालन कर लेंगे।
केंद्र ने बंगाल को भेजी 10 हजार टेस्टिंग किट
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए 10,000 परीक्षण किट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से भेज दी थीं। शुक्रवार को ये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिसीज (NICED) की वायरोलॉजी लैब में पहुंची। NICED के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में विभिन्न कोरोना वायरस परीक्षण प्रयोगशालाओं में किट भेजने की व्यवस्था की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में परीक्षण किट की कमी की शिकायत की है।