नई दिल्ली. मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान में तैनात भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवान कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। भारतीय सशस्त्र बलों में इस संक्रमण का यह पहला बड़ा मामला है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी संक्रमित नौसैन्य कर्मी साजोसामान और सहयोग शाखा आईएनएस आंग्रे में सेवारत हैं और उनका नौसेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि संक्रमित नौसैन्यकर्मियों की संख्या 26 है। लेकिन नौसेना ने सुबह एक बयान में संक्रमितों की संख्या 21 बताई थी। बढ़ी हुई संख्या के संबंध में अभी पता चला नहीं चल सका है। नौसेना ने संक्रमित नौसैन्यकर्मियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि आईएनएस आंग्रे के अंदर बनी रिहायशी इमारतों में सभी निवासियों की जांच की जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी गई है और वे स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। पश्चिमी नैसैन्य कमान को एक सामरिक प्रतिष्ठान माना जाता है क्योंकि यह अरब सागर में तथा हिंद महासागर के कुछ हिस्सों में भारत के समुद्री हितों की रक्षा करता है। मुंबई में नौसेना का डॉकयार्ड आईएनएस आंग्रे से कुछ सौ मीटर की दूरी पर है।
दुनियाभर में कई नौसेनाएं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जूझ रही हैं। ऐसे में महामारी को फैलने से रोकने के संबंध में नौसेना के एक अधिकारी ने कहा,‘‘हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।’’उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी। अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट में 660कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। सूत्रों ने बताया कि संक्रमितों में से 25 संक्रमित नौसैन्य कर्मी आईएनएस आंग्रे परिसर के भीतर ऐसी आवासीय इमारत में रह रहे थे जिनमें एक कमरे की आवासीय इकाइयां हैं जबकि एक नाविक अपने घर में अपनी मां के साथ रहा था।
सूत्रों ने बताया कि नौसैन्यकर्मी की मां भी संक्रमित पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना आवासीय परिसर में रह रहे सभी लोगों में विषाणु की जांच कर रही है जिसे ‘‘निरुद्ध क्षेत्र’’ घोषित कर किया गया है। आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुसार आईएनएस आंग्रे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। नौसेना ने कहा , ‘‘इनमें से ज्यादातर में लक्षण नहीं देखे गए और उस नाविक के जरिए इनका पता चला जो सात अप्रैल को संक्रमित पाया गया था। ये सभी आईएनएस आंग्रे के एक ही रिहायशी ब्लॉक में रहते हैं।’’
उन्होंने बताया कि नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को कोविड-19 से कर्मियों की रक्षा के लिए अत्यधिक एहतियात बरतने का आदेश दिया है। यह पहला मामला है जब इतनी अधिक संख्या में सैन्य कर्मियों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है। भारतीय थलसेना में अभी तक इस जानलेवा विषाणु के आठ मामले सामने आए हैं।
पिछले हफ्ते नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने एक वीडियो संदेश में अपने कर्मियों से कहा था कि जहाज और पनडुब्बी जैसे अहम संचालनात्मक संपत्तियों को संक्रमण मुक्त होना चाहिए । उन्होंने कहा था, ‘‘कोरोना वायरस वैश्विक महामारी अप्रत्याशित है और यह पहले कभी नहीं हुई। इसका भारत समेत दुनियाभर में काफी असर पड़ा है।’’ उन्होंने कहा था कि इस बीमारी से उत्पन्न खतरा वास्तविक, निकट और अप्रत्याशित है।