नई दिल्ली. पूरा दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के जद में है। सभी को इस बीमारी के खात्मे के लिए टीके का इंजतार है। दुनियाभर में कई कंपनियां इस टीके को बनाने में लगी हैं। भारत में भारत बायोटेक कोरोना वैक्सीन COVAXIN™️ बना रही है। इस वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक ने एक अच्छी खबर दी है। भारत बायोटेक ने tweet कर कहा कि COVAXIN™️ के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए DGCI ने अप्रूवल दे दिया गया है।
सरकार की कोविड-19 टीके के लिए विशेष टीकाकरण कार्यक्रम चलाने की योजना
कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध हो जाने पर इसे एक विशेष कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वितरित किया जाएगा। साथ ही, केंद्र सरकार इसे खरीदेगी और प्राथमिकता वाले समूहों को उपलब्ध कराएगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके मुताबिक केंद्र इसे सीधे खरीदेगी, ताकि इसे प्राथमिकता वाले समूहों को राज्यों एवं जिलों के मौजूदा नेटवर्क के जरिये मुफ्त में उपलब्ध कराया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि राज्यों को इसे खरीदने या हासिल करने के लिये अलग राह नहीं अपनाने को कहा गया है। केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के सहयोग से करीब 30 करोड़ प्राथमिकता प्राप्त लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्हें शुरूआती चरण में टीके की खुराक दी जाएगी।
विशेष कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम के समानांतर चलेगा, लेकिन यह इसके टीकाकरण वितरण ढांचे की प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का उपयोग करेगा। सरकार ने टीकाकरण के शुरूआती चरण में चार श्रेणियों के लोगों को चिह्नित किया है। इनमें चिकित्सकों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं आदि सहित लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर; नगर निकाय कर्मियों, पुलिस एवं सशस्त्र बलों के कर्मियों सहित लगभग दो करोड़ अग्रिम मोर्चे के कर्मियों; 50 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 26 करोड़ लोगों ;और पहले से मौजूद किसी बीमारी से पीड़ित तथा विशेष देखभाल की जरूरत वाले 50 साल से कम आयु के एक विशेष समूह के लोग शामिल हैं।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘राज्यों को नवंबर के मध्य तक प्राथमिकता वाले आबादी समूहों को सूचीबद्ध करने को कहा गया है। टीकाकरण सूची में शामिल हर व्यक्ति को उसके आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा, ताकि उन पर नजर रखी जा सके।’’
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के लिये उपयोग किए जा रहे मौजूदा डिजिटल मंच और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जा रहा है ताकि जब कभी टीका उपलब्ध हो, तब कोविड-19 टीकाकरण की निगरानी की जा सके- टीके की खरीद से लेकर उसके भंडारण और लाभार्थियों को वितरित किये जाने तक। इसके अलावा, टीकाकरण करने वाले कर्मियों के लिये ऑनलॉइन प्रशिक्षण मॉड्यूल भी विकसित किया जा रहा है।
जिस डिजिटल मंच को अभी मजबूत बनाया जा रहा है वह इलेक्ट्रॉनिक टीका खुफिया नेटवर्क (ईवीआईएन) है। यह देश में यूआईपी के तहत सभी शीत भंडार गृहों (कोल्ड चेन प्वाइंट) में टीके के भंडार और भंडारण तापमान के वास्तविक समय के आधार पर सूचना मुहैया करता है। यूआईपी के तहत अभी बच्चों, किशोर-किशोरियों और गर्भवती महिलाओं का राज्यों द्वारा (टीके से रोकथाम की जा सकने वाली बीमारियों के लिये) टीकाकरण किया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति ने सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उपयोग किये जा रहे मौजूदा ‘कोल्ड चेन’ का सर्वेक्षण किया है और अतिरिक्त जरूरत का भी अनुमान लगाया है। वर्तमान में समिति निजी क्षेत्र में उपलब्ध इन सुविधाओं का पता लगा रही है ताकि कोल्ड चेन उपकरण की जरूरत पूरी करने में मदद मिल सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही में कहा था कि केंद्र ने अगले साल जुलाई तक कोविड-19 के टीके की 40-50 करोड़ खुराक हासिल करने और उसके दायरे में करीब 25 करोड़ लोगों को लाने का अनुमान किया है।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को उस वक्त एक विवाद पैदा हो गया था, जब भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिये अपने संकल्पपत्र में कहा कि कोरोना वायरस का टीका तैयार हो जाने पर हर बिहारवासी को इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। (With input from Bhasha)