नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए तैयार किए गए विभिन्न अस्पतालों में से एक राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौत हुई हैं। मंगलवार को मिले आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि रविवार तक हुई 24 मौत में से 12 मौत राममनोहर लोहिया अस्पताल में हुई हैं। एलएनजेपी अस्पताल में तीन लोगों की मौत हुई जबकि एक निजी अस्पताल में पांच लोगों की मौत हुई। इसके अलावा, सफदरजंग अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और एम्स-झज्जर में एक-एक मरीज की मौत हुई। संक्रमण से प्रभावित एक व्यक्ति की मौत घर पर हुई।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने मरीजों की स्थिति के बारे में एक बयान में कहा, ‘‘हमारे अस्पताल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले अधिकतर ऐसे मरीज थे, जिन्हें बहुत बाद में दूसरे अस्पतालों से यहां भेजा गया था और वे पहले से ही गंभीर बीमारियों से प्रभावित थे।’’ बयान में कहा गया कि जिन मरीजों को शुरुआत में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया या जो पहले से गंभीर रोगों से प्रभावित नहीं थे, उनकी हालत में अब सुधार हो रहा है।
सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के 1,510 मामले थे। कुल 1,510 मामलों में, 35 आरएमएल अस्पताल से जुड़े हैं, जिनमें 23 अभी संक्रमित हैं और बाकी 12 की मौत हो चुकी है। इस तरह अस्पताल में मृत्यु दर करीब 35 प्रतिशत है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, वर्तमान में 23 मामलों में आठ मरीज आईसीयू में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, कुल मामलों में से 1071 संक्रमित लोगों के बारे में ‘‘विशेष अभियान’’ में पता चला। अधिकारियों ने बताया कि 30 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है और एक व्यक्ति देश से चला गया है।