नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इंतजार कर रही है। लेकिन, इसी बीच अब एक चिंता में डालने वाली जानकारी सामने आई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव (ICMR DG Dr Balram Bhargava) ने कहा कि श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के लिए कोई भी 100% प्रभावी वैक्सीन नहीं है। 50-100% असर वाली कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है।
ICMR महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, "श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों की कोई भी वैक्सीन 100% प्रभावी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एक वैक्सीन में तीन चीजें होनी चाहिए- सेफ्टी, इम्युनोजेनिसिटी (किसी बाहरी पदार्थ से इम्युन रेस्पांस पैदा करने की काबिलियत) और प्रभावोत्पादकता। WHO ने कहा कि 50% प्रभावोत्पादकता वाली वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है। हालांकि, हमारा लक्ष्य 100% प्रभावोत्पादकता वाली वैक्सीन का है लेकिन यह 50-100% के बीच होगी।"
डॉ बलराम भार्गव ने यह बयान सेंट्रल ड्रग्स ऐंड स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) द्वारा कोरोना वैक्सीन पर जारी ड्राफ्ट गाइडेंस नोट के ठीक एक दिन बाद दिया। गौरतलब है कि CDSCO ने अपने ड्राफ्ट गाइडेंस नोट में सुझाया कि रिसर्चर्स किसी वैक्सीन कैंडिडेट की संक्रमण से बचाने की क्षमता भर ही न देखें बल्कि ऐसी वैक्सीन चुनें जो गंभीर इन्फेक्शन होने से रोके भी। CDSCO ने ड्राफ्ट नोट में कहा कि वह कोविड-19 के उन टीकों को अप्रूवल देने की योजना बना रहा है जो फेज 3 ट्रायल में कम से कम 50% लोगों पर असरदार साबित होंगे।
गौरतलब है कि भारत कोरोना वैक्सीन के लिए रूस से बातचीत कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने हाल ही में बताया था कि कोविड-19 के टीके के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाशने को लेकर रूस की सरकार के साथ बातचीत की जा रही है। उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।
चौबे ने कहा था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सूचित किया है कि रूस में कोरोना वायरस का एक टीका विकसित किया गया है और उसे मंजूरी मिली है। मंत्री के मुताबिक, आईसीएमआर ने भी यह सूचित किया है कि दुनिया भर में 36 टीकों पर काम चल रहा है।