नई दिल्ली: देश के हिंदी पट्टी के एक सबसे बड़े राज्य मध्यप्रदेश में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 24 घंटे काम कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएनएस से कहा है कि बीते महीने के अंतिम सप्ताह में मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने महामारी के विरुद्ध युद्ध शुरू किया है। अधिकारियों और विशेषज्ञों की समर्पित टीम के साथ वायरस के खिलाफ लड़ रहे चौहान ने कहा, "मैं इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन साथ ही यह कहना चाहता हूं कि पूर्ववर्ती सरकार ने कोरोनावायरस स्थिति से निपटने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया।"
राज्य में इंदौर के कोरानावायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट के रूप में उभरने पर चौहान ने साक्षात्कार के दौरान कहा, "पहले की सरकार को शहर में एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे। हालांकि महामारी पर काबू पाने के लिए सभी प्रयास अब किए जा रहे हैं।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इंदौर की स्थिति सुधरेगी।
शिवराज से हुई आईएएनएस की खास बातचीत के अंश :-
प्रश्न: आपने काफी अहम मौके पर मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। राज्य में कोविड-19 की तैयारियों से जुड़ी स्थिति कैसी है?
उत्तर: मैंने 23 मार्च की शाम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और मेरे एजेंडे में पहली चीज मध्यप्रदेश में कोविड-19 की स्थिति को संभालने की थी। मैं इस विषय पर कोई राजनीति नहीं करना चाहता हूं, लेकिन मेरे पूर्ववर्ती और उनकी सरकार ने स्थिति को संभालने पर ध्यान नहीं दिया। उनकी 'शून्य' तैयारी थी। मैंने शून्य से शुरुआत की और युद्ध स्तर पर काम शुरू किया। स्थिति नियंत्रण में हैं और आज के दिन हम इस महामारी को लेकर काफी अच्छी स्थिति में हैं।
प्रश्न: आपके पहले के कार्यकाल में इंदौर देश सबसे साफ शहर बनकर उभरा और अभी भी शहर के पास यह खिताब है, फिर यह कैसे राज्य में कोविड-19 का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बनकार उभर गया?
उत्तर: इंदौर मध्यप्रदेश का सिरमौर है। इंदौर के लोग अच्छे कार्यों के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। भारत में सबसे साफ शहर का खिताब बनाए रखना प्रत्येक इंदौरी और मध्यप्रदेश में सभी का कर्तव्य है। जैसा कि आप जानते हैं कि इंदौर देश के व्यस्तम शहरों में से एक है। जनवरी और मार्च की शुरुआत में कई लोगों ने शहर से विदेश की यात्रा की। अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 6000 लोगों ने विदेश यात्रा करने के बाद प्रवेश किया और इन लोगों की स्क्रीनिंग भी नहीं हुई थी। इसके अलावा कई लोग पूरे देश में कई समारोहों और त्योहारों में हिस्सा लेने के बाद यहां ट्रेनों और सड़क माध्यम से पहुंचे। पूर्ववर्ती सरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए और अधिकतर लोग बिना जांच के यहां आ गए, इनमें से कई कोरोना पॉजिटिव भी थे।
जनसंख्या घनत्व ने भी इस महामारी को फैलाने में भूमिका निभाई। हालांकि हमारी पहली प्राथमिकता में इंदौर था और इसपर तत्काल ध्यान दिया और लगातार इसके प्रसार को रोकने का काम किया। हमें सफलता के शुरुआती लक्षण भी दिखने लगे हैं और अगले कुछ दिनों में इंदौर मजबूती के साथ उभरेगा और पहले से भी बेहतर होकर सामने आएगा।
प्रश्न- मध्यप्रदेश की मेडिकल/स्वास्थ्य सुविधा संरचना कैसी है। क्या आप सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार हैं?
उत्तर: सरकार के सतत प्रयास और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में, भारत ज्यादा मजबूती के साथ उभरा है और मेरा मजबूती के साथ मानना है कि सबसे बुरी स्थिति को हमने पीछे छोड़ दिया है। हालांकि मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य संरचना कोविड-19 से निपटने में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार है।
हमारी आईआईटीटी रणनीति(आइडेंटीफाई, आइसोलेट, टेस्ट एंड ट्रीट) के तहत हमने 27 लाख 54 हजार लोगों की पहचान की, जोकि पूरे राज्य में कंटेंमेंट क्षेत्रों का हिस्सा हैं। इनमें से हमने 18 लाख 14 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की और हाई रिस्क वाले 11,163 लोगों को आइसोलेट किया। कुल 13,492 टेस्ट रिपोर्ट में से हमें 11,010 नेगेटिव और केवल 1307 पॉजिटिव मिले, जोकि एक शानदार नतीजे हैं। हमने 99 सैंपलों की जांच की 98 नेगेटिव आए। जोकि उस चीज का साइन है जो मैंने पहले कहा कि हमने खराब स्थिति को पीछे छोड़ दिया है।
हमारे पास 246 से ज्यादा कोविड-19 केयर सेंटर, 63 कोविड-19 हेल्थ सेंटर और 25 समर्पित कोविड-19 अस्पताल हैं, जहां की कुल क्षमता 29,975 आइसोललेशन बेड और 840 आईसीयू बेडों की है। हमारे पास 993 से अधिक वेंटिलेटर हैं और मैं यहां बता कर काफी खुश हूं कि अभी तक रोगियों पर इनमें से 40 से अधिक का प्रयोग नहीं हुआ है। हमारे पास 83 हजार से ज्यादा पीपीई किट हैं, 1,65,000 एन95 मास्क हैं, 53 लाख से ज्यादा तीन स्तरीय मास्क और एचक्यूसीएन टेबलेट के 33,70,000 डोज उपलब्ध हैं। हम तैयार हैं, लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि हमें इनसब संसाधनों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रश्न: लोग भीलवाड़ा मॉडल की बात कर रहे हैं, लेकिन कई जबलपुर मॉडल की भी बात कर रहे हैं। आपका इस बारे में क्या कहना है?
उत्तर: जैसे ही हमने मार्च के अंतिम सप्ताह में मध्यप्रदेश के पहले और जबलपुर के पहले चार पॉजिटिव मामलों की पहचान की, प्रशासन ने प्रोटोकाल्स का पालन किया और उन्हें आइसोलेट किया, उनके ट्रेवल हिस्ट्री का पता लगाया और 25 से ज्यादा लोगों को क्वोरंटीन किया। किसी भी भय के माहौल को नकारने के लिए, उन्होंने लोगों से परामर्श किया और किसी भी प्रकार की अफवाह से बचाने के लिए रोजाना उन्हें अपडेट रखा। नागरिकों ने लॉकडाउन के दौरान प्रशासन का समर्थन किया और सभी रोगी आइसोलेशन में रहे और सार्थक एप का प्रयोग कर हमारी गिनरानी में रहे। जो मॉडल हमने पूरे मध्यप्रदेश में लागू किया वह नतीजे दिखा रहा है और मैं निश्चिंत हूं कि जबलपुर के बाद अगला केस स्टडी इंदौर का होगा।
प्रश्न: लॉकडाउन 2.0 के लिए आपकी क्या रणनीति है। 20 अप्रैल के बाद क्या होगा?
उत्तर: हम इस बारे में गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन करेंगे।
प्रश्न: आपके पहले के पूरे कार्यकाल के दौरान मप्र कृषि का एक पॉवरहाउस बन कर उभरा। आज कोविड-19 स्थिति के दौरान गेंहूं की खरीद की क्या योजना है?
उत्तर: हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा किसानों के हितों को अपने दिल में रखते हैं। हमने पहले ही मंडियों और संबंधित संरचनाओं के सहयोग से किसानों से गेंहूं की खरीदी शुरू कर दी है और हमने 16 अप्रैल तक पिछले वर्ष की खरीदी के करीब 72 प्रतिशत की खरीदी कर ली है, वह भी इतनी मुश्किल घड़ी में। किसानों को एसएमएस द्वारा उन्हें दिए गए समयनुसार मंडी या खरीद केद्रें पर आने की सलाह दी गई है। हम हमेशा किसानों के साथ हैं। वे हमारी प्राथमिकता हैं।
प्रश्न: और भी कुछ जो आप जोड़ना चाहते हैं?
उत्तर: हम जीतेंगे और कोरोनावायरस को हराएंगे। मध्यप्रदेश सुरक्षित हाथों में है। अफवाहों पर विश्वास न करें। हम इस महामारी से लड़ाई में पूरी तरह से मजबूत और तैयार हैं।
सद्भावना के रूप में मैंने कोविड-19 के रोगियों की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को 10000 रुपये प्रति माह मानदेय देने का फैसला किया है। मैंने इसी प्रकार से पुलिस, नगरनिगम कर्मियों और अन्य जो कोविड-19 रोगियों के संपर्क में आते हैं, उन्हें भी उनकी सेवा के लिए एकबार 10,000 रुपये देने का फैसला किया है।