नई दिल्ली: धर्मांतरण मामले में विदेशी फंडिंग की जांच शुरू हो गई है। बताया जाता है कि फंडिंग से प्राप्त रकम का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान और कुछ अन्य खाड़ी देशों से आया। वहीं जांच एजेंसियां मनी ट्रेल का ISI से लिंक तलाशने में जुट गई हैं। उन एकाउंट की पहचान करने में जांच एजेंसियां जुट गई हैं जिनमें विदेशों से ये पैसा आया। विदेशों से जो फंडिंग हुई वो पैसा पर्सनल एकाउंट और सामाजिक संस्थाओं के एकाउन्ट में भेजे जाने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, विदेशी फंडिंग चंदे के रूप में हुई है। विदेशी फंडिंग को लेकर जल्द केंद्रीय जांच एजेंसी ED मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर तफ़्तीश शुरू कर सकती है।
उधर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी राज्य में धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण का धंधा करने के आरोपियों के खिलाफ NSA तथा गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच एजेंसियों को तह तक जाने के लिए कहा है। योगी सरकार ने कहा है कि धर्मांतरण कराने वालों की प्रॉपर्टी जब्त हो। उत्तर प्रदेश ATS ने सोमवार को 1 हजार लोगों को धर्मांतरण के आरोप में जहांगीर और उमर गौतम नाम के 2 लोगों की गिरफ्तार किया था।
यूपी एटीएस ने मूक बधिर छात्रों न कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गौर करने वाली बात ये है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक मौहम्मद उमर गौतम धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना है। उसके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है। गिरफ्तार किए गए दूसरे शख्स का नाम मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी है। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं।
ये लोग ISI व विदेशी संस्थाओं के निर्देश के अनुसार, उनसे प्राप्त फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन करवाते थे और फिर इतना ही नहीं, ये लोग धर्म परिवर्तित लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति द्वेश और नफरत का भाव पैदा कर उन्हें रेडिक्लाइज करके देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलकर देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। इन लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि उमर गौतम खुद हिंदू धर्म से मुस्लिम में धर्मांतरित हुआ है।