मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस चंद्रशेखर आजाद बड़े या पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह इस पर बहस शुरू हो चुकी है। विवाद की वजह कभी कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह की एक प्रतिमा है। जिसे कमलनाथ सरकार ने अर्जुन सिंह की जयंती के मौके पर उनकी प्रतिमा उस जगह लगा दी जहां पर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने के लिए चंद्रशेखर आजाद की लगी हुई मूर्ति को भाजपा शासन के दौरान 3 साल पहले हटाया गया था। चंद्र शेखर आजाद की यह मूर्ति भोपाल के बेहद पॉश इलाके न्यू मार्केट के तिराहे पर लगी हुई थी जहां से उसे हटा कर एक कोने में रख दिया गया था।
दरअसल भाजपा शासनकाल में 9 साल पहले शहर के ट्रैफिक को बेहतर करने के लिए कई चौराहों का विकास किया गया था इसी कड़ी में बीच सड़क पर मौजूद तकरीबन 15 रोटरी या तो हटाई गई थी या छोटी की गई थी। इन्हीं रोटरी पर मौजूद 22 प्रतिमाओं को शिफ्ट कर अलग जगह दी गई थी। ट्रैफिक बाधित करने वाली ऐसी 22 मूर्तियों में चंद्रशेखर आजाद पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा महाराजा अग्रसेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय झलकारी बाई समेत कई मूर्तियां शामिल थी। इसी के चलते में भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में पढ़ने वाली लिंक रोड क्रमांक एक पर ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए रोटरी के साथ-साथ शहीद चंद्रशेखर आजाद की भी प्रतिमा हटाई गई थी। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कमलनाथ सरकार को निशाने में लेते हुए कहा कि ट्रेफिक व्यवस्था सुधारने के लिए हटाई गई शहीद आजाद की मूर्ति की जगह अर्जुन सिंह की मूर्ति लगवाना का फ़ैसला बेतुका है।
शिवराज सिंह ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहाकी अर्जुन सिंह जी की प्रतिमा लगे इसमें कोई आपत्ति नहीं है वह मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता राजनेता पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन यातायात की सुविधा के लिए चंद्रशेखर आजाद जी जो महान क्रांतिकारी हैं उनकी प्रतिमा हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापना की गई ऐसे में उसी जगह अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाने का कोई तर्क नहीं है ।
दरअसल भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में मजूद तिराहे पर पूर्व मंत्री अर्जुन सिंह की लगाई प्रतिमा 10 फीट ऊंची 985 किलोग्राम वजनी और 11 लाख 95 हजार की लागत से बनवाई गई है। लेकिन अयोध्या मामले के फैसले के चलते 11 नवंबर को होने वाले इसके उद्घाटन को टाल दिया गया है। हालांकि कांग्रेस इस विवाद को बेवजह बताते हुए इस मूर्ति के लगाने का ठीकरा भाजपा शासित नगर निगम पर ही फोड़ते नजर आ रही है।कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ गोविंद सिंह के मुताबिक भाजपा महापुरूषो की मूर्तियां हटाती है विध्वस की राजनीति करती है मूर्ति लगाने का निर्णय भाजपा शासित नगर निगम ने ही एक साल पहले जब शिवराज की सरकार थी लिए था।
अर्जुन सिंह की इस मूर्ति को स्थापित करने का निर्णय भाजपा शासित नगर निगम में 1 साल पहले जब भाजपा की सरकार थी तभी हुआ था। लेकिन भोपाल के मेयर के मुताबिक 1 साल पहले अर्जुन सिंह की प्रतिमा को लगाने की स्वीकृति हमने ही दी थी लेकिन किस जगह पर लगेगी इस पर कोई बात नहीं हुई थी। ऐसे में भोपाल के मेयर आलोक शर्मा ने इंडिया टीवी को बताया कमलनाथ सरकार के दबाव में नगर निगम के अफसरों ने भारी ट्रैफिक वाली जगह पर ही अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित कर दी जिस जगह से चंद शेखर आजाद की मूर्ति हटाई गई थी।
चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा हटाए जाने की जगह पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की लगाई गई प्रतिमा के विवाद में शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है कांग्रेस भले ही इसे भाजपा शासित नगर निगम मेयर की गलती बताएं लिखित सवाल तब भी खड़ा होता है कि जिस जगह ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू चलाने के लिए शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति हटाई गई थी उसी जगह पर अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाने से क्या ट्रैफिक व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी।